Health Alert! जापान में तेजी से बढ़ते फ्लू ने बढ़ाई भारत की चिंता? डॉक्टर ने बताया बचने का तरीका
जापान में फ्लू के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे भारत में भी चिंता बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि ग्लोबल ट्रेवल और बदलते मौसम के कारण यह खतरा बढ़ सकता है। बचाव के लिए वार्षिक फ्लू टीकाकरण और स्वच्छता का पालन करना महत्वपूर्ण है। तेज बुखार या खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

जापान में फ्लू का कहर, भारत में खतरे की घंटी! (Picture Credit- Canva)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी का वह खौफनाक मंजर आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। इस बीमारी की वजह से पूरी दुनिया में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इसी बीच अब जापान में पिछले कुछ समय से एक और बीमारी ने कहर बरपाया हुआ है। दरअसल, यहां फ्लू के मामलों में तेजी को देखते इसे देशव्यापी महामारी घोषित कर दिया है।
लगातार बढ़ते फ्लू के मामलों को देखते हुए यहां पर स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। साथ ही वहां की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली दबाव में आ गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह किसी नई महामारी की दस्तक है? क्या यह भारत के लिए खतरे की घंटी है? अगर हां, तो सुरक्षित रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इन सभी बातों के बारे में जानने के लिए हमने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद के डायरेक्टर डॉ. अरविंद के मिंज से बातचीत की। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
क्या भारत में भी है खतरा?
डॉक्टर बताते हैं कि जापान में इन्फ्लूएंजा (फ्लू) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे भारत सहित पड़ोसी देशों में इसके फैलने की आशंका बढ़ गई है। हमारा मानना है कि ग्लोबल ट्रैवल, बदलते मौसम और कोविड के बाद कम होती इम्युनिटी इस बढ़ोतरी में योगदान दे सकती है। हालांकि, भारत में फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामले अक्सर मौसम में बदलाव के दौरान बढ़ जाते हैं।
बचाव के लिए क्या करें
डॉक्टर के मुताबिक भले ही अभी खतरा कम है, लेकिन लोगों को निवारक उपायों को गंभीरता से लेना चाहिए। एनुअल फ्लू वेक्सीनेशन सबसे प्रभावी सुरक्षा उपाय है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और डायबिटीज या अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए।
इसके साथ ही अच्छी स्वच्छता बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है। बार-बार हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना और फ्लू के लक्षण वाले लोगों के निकट संपर्क से बचना इन्फेक्शन के जोखिम को काफी कम कर सकता है। पर्याप्त आराम, विटामिन सी से भरपूर बैलेंस्ड डाइट और हाइड्रेटेड रहना इम्युनिटी को मजबूत करता है।
इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर सलाह देते हैं कि तेज बुखार, गले में खराश, बदन दर्द या लगातार खांसी होने पर किसी को भी खुद से इलाज करने के बजाय तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। सतर्क रहना, रोकथाम के उपाय अपनाना और समय पर वेक्सीनेशन भारत को बढ़ते ग्लोबव फ्लू के खतरे से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
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