National Ayurveda Day 2022: अनुशासित जीवन का आधार है आयुर्वेद, दुनियाभर में बढ़ रही स्वीकार्यता
National Ayurveda Day 2022 दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान एसोसिएट प्रोफेसर डा. रमाकांत यादव ने बताया कि स्वस्थ संयमित और अनुशासित जीवनशैली का पर्याय है आयुर्वेद। धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरि के पूजन के साथ आरंभ होता है दीवाली का त्योहार।

कानपुर, लालजी बाजपेयी। भारत सरकार इस दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाती है। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय ने इस बार इसकी थीम रखी है, हर दिन हर घर आयुर्वेद। चिकित्सा की सबसे प्राचीन पद्धति आयुर्वेद की आज वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता बढ रही है। इसका कारण है कि आयुर्वेद का सरोकार मानव से है, बीमारी से नहीं। बीमारी के नियंत्रण और व्यक्ति के स्वस्थ होने के लिए शरीर के प्रतिरक्षातंत्र को मजबूत बनाना व जीवनी शक्ति को बल देना आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रमुखता से समाहित है। चिकित्सा का यह विज्ञान शरीर को मजबूत करने पर बल देता है, जिससे व्यक्ति बीमार न पड़े और यदि बीमार हो भी जाए तो शरीर को अधिक नुकसान न पहुंचे और वह स्वस्थ हो जाए। इस चिकित्सा पद्धति में आहार के साथ-साथ विहार यानी योगासन, प्राणायाम और सूर्य नमस्कार आदि को भी शामिल किया गया है।
चिकित्सा की इस पद्धति में जड़ी-बूटियों तथा रसायनों को सूचीबद्ध किया गया है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में आयुर्वेदिक रसायन स्थायी भूमिका निभाते हैं, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर बनता है और शरीर को संक्रमण से बचने का सुरक्षा चक्र मिलता है। आयुर्वेद में जो भी रसायन हैं, वे जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है, जो पूर्ण प्राकृतिक हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे स्वास्थ्य की बुनियाद शारीरिक प्रकृति, ऋतुचर्या व दिनचर्या पर निर्भर करती है। इसलिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, मोटापा आदि में बहुत कारगर है।
घर-घर पहुंच रहे औषधीय पौधे
कभी औषधीय पौधों की पहचान या उनके गुणों के बारे में जानकारी बहुत ही कम लोगों को थी, लेकिन कोरोना संक्रमणकाल में जिस तरह से आयुर्वेद ने संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद की, पूरी दुनिया में इस चिकित्सा पद्धति की वाहवाही हुई। आज अधिसंख्य घरों में गिलोय, एलोवेरा, विधारा, अश्वगंधा, तुलसी और सुदर्शन के पौधे दिख जाते हैं।
आयुष मंत्रालय का सार्थक प्रयास
आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद दिवस से छह सप्ताह का कार्यक्रम तैयार किया है। जिसके तहत बड़ी शख्सियतों से आयुर्वेद के बारे में जागरूक करने वाले संदशों का प्रचार, मोबाइल पर अभियान, लघु फिल्में, रैलियां और विज्ञापन आदि पर काम किया जाएगा।
डा. रमाकांत यादव
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