रोजाना 10,000 कदम चलने की फुर्सत नहीं? ट्राई करें Japanese Walking Technique, मिलेंगे दोगुने फायदे
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास 10000 कदम चलने का समय नहीं होता लेकिन क्या आप जानते हैं कि जापान में एक ऐसी वॉकिंग तकनीक है जो आपको कम समय में दोगुने फायदे दे सकती है? जी हां हम बात कर रहे हैं Japanese Walking Technique की जो आपकी सेहत को कई कमाल के फायदे दे सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी जानते हैं कि हेल्दी और फिट रहने के लिए Walk करना कितना जरूरी है। कई एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रोजाना 10,000 कदम चलना चाहिए, लेकिन सच कहें तो आज की भागदौड़ भरी जिदगी में इतना चलना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं हो पाता है। सुबह जल्दी उठना, ऑफिस जाना, घर की जिम्मेदारियां निभाना- इन सबके बीच 10,000 कदम पूरे करना अगर आपको भी सपने जैसा लगता है, तो यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
दरअसल, जापान से आई एक अनोखी वॉकिंग तकनीक (Japanese Walking Technique) अब उन लोगों के लिए राहत बनकर आई है, जिनके पास समय की कमी है लेकिन वो फिट और एक्टिव रहना चाहते हैं। इस तकनीक का नाम है- Interval Walking Method यानी इंटरवल वॉकिंग तकनीक। आइए विस्तार से जानें इसके फायदों के बारे में।
क्या है Japanese Walking Technique?
यह तकनीक जापानी रिसर्चर हिरोआकी तनाका द्वारा विकसित की गई है, जो फुकुओका यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स साइंस प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि अगर कोई व्यक्ति 3 मिनट तेजी से चले और फिर 3 मिनट आराम से चले और इस प्रक्रिया को रोजाना 5 बार दोहराए, तो यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
इसे आसान भाषा में समझें तो:
- 3 मिनट फुर्ती से चलिए (Brisk Walk)
- 3 मिनट धीमी चाल में चलिए (Relaxed Walk)
- इसे 5 बार दोहराइए यानी कुल 30 मिनट की वॉक
बस! न 10,000 कदमों का झंझट, न लंबी वॉक की चिंता... सबसे बड़ी बात- इसके फायदे भी 10 हजार कदम चलने से कहीं ज्यादा हैं। आइए जानें।
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जापानी वॉकिंग तकनीक के फायदे
हार्ट हेल्थ में सुधार
तेज और धीमी चाल के इंटरवल से दिल की धड़कन बेहतर तरीके से काम करती है। इससे हार्ट स्ट्रॉन्ग बनता है और बीपी कंट्रोल में रहता है।
वजन घटाने में मदद
इंटरवल वॉकिंग मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है। खासकर पेट और जांघों की चर्बी में फर्क देखने को मिलता है।
थकान नहीं होती
लगातार 30 मिनट तेज चलने से जो थकान होती है, वह इस तकनीक में नहीं होती क्योंकि इसमें रेस्ट और एक्टिव मूवमेंट बैलेंस में रहते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल
यह तकनीक डायबिटिक लोगों के लिए वरदान है। इससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है।
जोड़ों पर कम दबाव
एक समान गति से चलने के बजाय जब रफ्तार बदली जाती है, तो घुटनों और टखनों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता।
मूड बेहतर होता है
यह वॉकिंग मेडिटेशन जैसा असर करती है, क्योंकि इस दौरान शरीर भी एक्टिव रहता है और मन भी शांत होता है। डिप्रेशन और एंग्जायटी में राहत मिलती है।
कैसे करें अपने रूटीन में शामिल?
- अगर आपके पास सुबह 30 मिनट नहीं हैं, तो इस वॉक को दिन में दो हिस्सों में बांट लें, यानी 15-15 मिनट।
- ऑफिस ब्रेक के दौरान भी आप 3-3 मिनट के सेगमेंट में वॉक कर सकते हैं।
- लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, लेकिन उसी इंटरवल पैटर्न में।
बता दें, जरूरी नहीं कि आप एक ही दिन में फिट हो जाएं, लेकिन अगर आप इस वॉकिंग टेक्नीक को रोजाना अपनाते हैं, तो हफ्ते भर में ही आपको फर्क महसूस होने लगेगा। शरीर हल्का लगेगा, मन खुश रहेगा और दिनभर एनर्जी बनी रहेगी।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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