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    ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्यों हो जाते हैं नजरअंदाज? इन गलतियों से बढ़ता है खतरा, जानें बचाव के तरीके

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:22 PM (IST)

    ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है जिसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल सितंबर में ओवेरियन कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। डॉ. प्रतिभा सिंघल के अनुसार इसके लक्षणों को पीरियड्स संबंधी समस्या मान लेने से अक्सर पहचान में देरी हो जाती है। हालांकि ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

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    क्यों कैंसर के लक्षणों को पीरियड्स की समस्या समझ लिया जाता है? (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है। दुनियाभर में कई महिलाएं इससे प्रभावित हैं और कई इसकी वजह से अपनी जान गवां चुकी हैं। ऐसे में इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल सितंबर महीने ओवेरियन कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है।

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    इस मौके पर आज हम आपको बताएंगे कि क्यों अक्सर ओवेरियन कैंसर की पहचान करने में देरी हो जाती है। साथ ही जानेंगे क्यों इसके लक्षणों को पीरियड्स संबंधी समस्या मान लिया जाता है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में गाइनेकोलॉजी की सीनियर डायरेक्टर डॉ. प्रतिभा सिंघल से बात की। आइए जानते हैं क्या कहती हैं डॉक्टर-

    ओवेरियन कैंसर के लक्षण

    डॉक्टर बताती हैं कि ओवेरियन कैंसर के लक्षणों को आमतौर पर पीरियड्स संबंधी समस्याओं के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसके समान लक्षण होने के कारण निदान में देरी हो जाती है। ओवेरियन कैंसर के सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-

    • बार-बार होने वाली ब्लोटिंग: लगातार होने वाली ब्लोटिंग जो कम नहीं होती, हमेशा पीरियड्स से जुड़ी नहीं होती। कभी-कभी ये ब्लोटिंग ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकती है।
    • पेट या पेल्विक में दर्द: पेट के निचले हिस्से या पेल्विक में लगातार होने वाला दर्द जो बंद नहीं होता, पीरियड्स में होने वाली ऐंठन से अलग ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।
    • खाने में परेशानी या जल्दी पेट भर जाना: भूख कम लगना या कम मात्रा में खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होने पर भी इसे हल्के में न लें।
    • यूरिन से जुड़ी समस्याएं: बार-बार या अचानक पेशाब आना भी इस बीमारी का एक प्रमुख लक्षण है, जिसे आमतौर पर यूरिनरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन या अन्य कम गंभीर कंडीशन समझ लिया जाता है।
    • पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं: पीरियड के पैटर्न में बदलाव, जिसमें हैवी ब्लीडिंग, पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग भी इसके लक्षणों में शामिल है।
    • थकान और कमजोरी: लगातार कमजोरी, जो आराम से कम नहीं हो सकती, उसे अनदेखा न करें।
    • वजन कम होना: वजन कम होना एक और लक्षण है, जिसे अक्सर आम समझ लिया जाता है। हालांकि, यह ओवेरियन कैंसर के जरूरी लक्षणों में से एक है।

    क्यों होती हैं लक्षणों की अनदेखी?

    ये सभी लक्षण आमतौर पर विशेष नहीं होते हैं और इन्हें सामान्य पाचन या पीरियड से जुड़ी शिकायतों के साथ जोड़कर जा सकता है, जिससे इसका शुरुआती निदान मुश्किल हो जाता है। ओवेरियन कैंसर एक साइलेंट किलर है, क्योंकि इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं और आसानी से नजरअंदाज हो जाते हैं। इन वजहों से नजरअंदाज होते हैं लक्षण-

    • ओवेरियन कैंसर और इसके लक्षणों के बारे में कम जानकारी
    • लक्षण कम गंभीर कंडीशन जैसे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम या हार्मोनल डिसऑर्डर से मिलते-जुलते हैं
    • ओवेरियन कैंसर के लिए कोई अच्छे प्रारंभिक जांच परीक्षण उपलब्ध नहीं हैं

    रिस्क फैक्टर्स

    • 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं, विशेष रूप से 50-79 साल की आयु की महिलाएं
    • ओवेरियन, ब्रेस्ट, एंडोमेट्रियल या कोलोरेक्टल कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाली महिलाएं
    • BRCA1 और BRCA2 जीन में म्यूटेशन
    • जिन महिलाओं के कभी बच्चे नहीं हुए हैं या जिन महिलाओं का एंडोमेट्रियोसिस का इतिहास है।

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