मेनोपॉज आने से पहले ही शरीर देने लगता है संकेत, इन लक्षणों से कर सकते हैं Pre-Menopause की पहचान
प्रीमेनोपॉज के लक्षणों में हॉट फ्लैशेज पीरियड में बदलाव और वजन बढ़ना आम लक्षणों में से एक है। लेकिन क्या आपको पता है इसके अलावा भी कई ऐसे लक्षण होते हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं होता। आज इस आर्टिकल में हम इन्हीं लक्षणों के बारे में जानेंगे जिन्हें अक्सर इग्नोर कर दिया जाता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मेनोपॉज आने से पहले महिलाओं में प्रीमेनोपॉज के लक्षण नजर आने लगते हैं, जिससे यह समझ आने लगता है कि अब मेनोपॉज आने वाला है। इस दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम होने की वजह से ऐसे लक्षण नजर आना नेचुरल है, लेकिन कुछ असामान्य लक्षण भी होते हैं जिन पर आसानी से नजर नहीं जाती। आइए प्रीमेनोपॉज से जुड़े ऐसे ही कुछ असामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं।
स्किन, बालों और नाखूनों पर दिखने लगता है असर
एक्ने: एंड्रोजन, हॉर्मोन्स का एक ऐसा ग्रुप है जोकि आपके स्किन को ऑयल बनाने के लिए स्टिम्युलेट करता है। प्रीमेनोपॉज की अवस्था में एस्ट्रोजेन की तुलना में इनका स्तर धीरे-धीरे कम होता जाता है। इस तरह के असंतुलन से एंड्रोजन का प्रभाव बढ़ जाता है और त्वचा पर ज्यादा तेजी से ऑयल प्रोडक्शन शुरू हो जाता है। ऐसे में एक्ने की समस्या होने लगती है।
बालों में बदलाव: प्रीमेनोपॉज के दौरान बाल तेजी से झड़ने और पतले होने लगते हैं। वे सामान्य से ज्यादा रूखे हो जाते हैं। शरीर के अन्य हिस्सों जैसे आर्म्स, पैर और प्यूबिक एरिया में भी बाल कम हो जाते हैं।
नाखूनों का टूटना: हॉर्मोन्स में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से शरीर में केरेटिन की मात्रा पर प्रभाव पड़ता है। यह प्रोटीन आपके नाखूनों को मजबूत बनाता है और अगर इसकी मात्रा कम हो जाए तो नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
शरीर से आती है बदबू
प्रीमेनोपॉज में हॉर्मोन्स में तेजी से बदलाव होता है, जिसकी वजह से हॉट फ्लैशेज और पसीना आने की समस्या बढ़ जाती है। पसीना ज्यादा आने से शरीर से बदबू आना आम होता है।
एंग्जाइटी और डिप्रेशन
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के स्तर में उतार-चढ़ाव होने से एंजाइटी की समस्या होने लगती है। काफी सारी महिलाओं को प्रीमेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन की शिकायत हो जाती है।
खाना पचाने में होती है परेशानी
हॉर्मोनल बदलावों की वजह से पाचन पर भी प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से कई बार कब्जियत या डायरिया की समस्या होने लगती है। प्रीमेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं को बाउल मूवमेंट में भी बदलाव महसूस होता है। इतना ही नहीं कई महिलाएं ब्लोटिंग की भी शिकायत करती हैं।
नींद भी होती है प्रभावित
हॉर्मोनल बदलाव आपके बॉडी के इंटरनल क्लॉक पर भी असर डालते हैं, जिससे नींद से जुड़ी समस्या हो जाती है और पहले से ही किसी को ऐसा कुछ है तो उनके लक्षण और बिगड़ जाते हैं। रात में पसीना आने से कई बार पूरी रात नींद नहीं आती। इसका प्रभाव आपके एनर्जी लेवल पर पड़ता है और आपको थकान महसूस होती है।
हाथों और पैरों में झनझनाहट
नसों के फंक्शन में एस्ट्रोजन बेहद अहम भूमिका निभाता है और इसमें बदलाव होने से पैरों व हाथों में सुई या पिन चुभने जैसा एहसास होता है। वैसे यह एहसास तुरंत खत्म भी हो जाता है।
आंखें होने लगती है ड्राई
एस्ट्रोजन का कम स्तर आपके बॉडी के टियर्स बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे आंखों में ड्राइनेस और विजन में बदलाव होने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादातर महिलाओं को प्रीमेनोपॉज के दौरान ड्राई आइज, आंखों में धुंधलापन, रोशनी से सेंसिविटी की समस्या होती है।
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