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    Monsoon में इन वजहों से बढ़ जाता है फंगल इन्फेक्शन का खतरा, बचने के लिए नोट कर लें ये जरूरी बातें

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 12:40 PM (IST)

    भीषण गर्मी के बाद हुई बरसात से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि इसके साथ ही मानसून कई तरह की समस्याएं भी लेकर आता है। खासकर इस मौसम में फंगल इन्फेक्शन (monsoon fungal infection prevention ) का खतरा बढ़ जाता है। यह संक्रमण नमी और पसीने के कारण होता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए डॉक्टर की बताई बातें जरूर फॉलो करें।

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    मानसून में फंगल इन्फेक्शन से कैसे बचें? (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। झुलसा देने वाली गर्मी के बाद आखिरकार मानसून ने दस्तक दे दी है। देश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। बरसात कई मायनों अच्छी होती है, लेकिन इस मौसम में सुहाने मौसम के साथ कई तरह की समस्याएं भी साथ आती हैं। इन दिनों कई तरह के इन्फेक्शन बेहद आम होते हैं। फंगल इन्फेक्शन (monsoon fungal infection prevention) इन्हीं में से एक है, जो मानसून में कई लोगों के लिए परेशानी बनी रहती है।

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    यह मौसम गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन बारिश और हरियाली के साथ, यह फंगल इन्फेक्शन के पनपने के लिए भी सही वातावरण भी पैदा करता है। गर्म, नम और पसीने से तर वातावरण, जो बरसात के मौसम में आम है, फंगस को तेजी से बढ़ने में मदद करता है, खासकर स्किन, नाखूनों और पैरों पर। ऐसे में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली में स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. रितुपूर्णा दाश से जानते हैं क्यों होता है यह इन्फेक्शन और कैसे करें इससे अपना बचाव-

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    मानसून के दौरान फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है?

    डॉक्टर ने बताया कि फंगल संक्रमण आमतौर पर कैंडिडा और डर्मेटोफाइट्स जैसे फंगस के कारण होते हैं, जो नम हिस्सों में पनपते हैं। ज्यादा पसीना आना, गीले जूते पहनकर चलना या टाइट कपड़े पहनने से आपको एथलीट फुट, दाद (टिनिया) और त्वचा की सिलवटों में फंगल रैश जैसे इन्फेक्शन (monsoon season hygiene tips) का खतरा बढ़ सकता है।

    इन लक्षणों को न करें अनदेखा

    • लाल, खुजलीदार, परतदार या फटी त्वचा
    • पैर या हाथ के नाखूनों का रंग उड़ना या मोटा होना
    • बीच में साफ त्वचा वाले गोलाकार चकत्ते
    • बगल, कमर, स्तनों के नीचे लगातार खुजली

    फंगल इन्फेक्शन से ऐसे करें बचाव (tips for Monsoon Fungal Infection)

    • नहाने के बाद, खासकर पैर की उंगलियों के बीच और शरीर के मोड़ों पर, हमेशा अच्छी तरह से तौलिए से पोंछें।
    • पसीने से बचने के लिए ढीले और सूती कपड़े ही चुनें।
    • ज्यादा देर तक गीले कपड़े, मोजे या जूते पहने रहने से बचें।
    • दिन में दो बार नहाएं, खासकर जिम या बाहरी खेलों के बाद।
    • नमी कम करने के लिए पैरों, बगलों या कमर जैसे सेंसिटिव हिस्सों पर एंटी-फंगल पाउडर लगाएं।
    • अपना पर्सनल सामान जैसे तौलिया, मोजे, जूते और रेजर कभी भी शेयर न करें।
    • बरसात के दिनों में नाखून छोटे और साफ रखें। लंबे नाखूनों के नीचे फंगस आसानी से छिप सकते हैं।
    • डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ज्यादा खतरा होता है, इसलिए उन्हें एक्स्ट्रा सावधानी बरतने की जरूरत है।
    • कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के किसी क्रीम का इस्तेमाल न करें क्योंकि उनमें स्टेरॉयड या केराटोलाइटिक तत्व हो सकते हैं, जो अस्थायी राहत तो दे सकते हैं, लेकिन इन्फेक्शन को और बिगाड़ सकते हैं।

    कब लें मेडिकल हेल्प?

    अगर आपको लगातार खुजली, दाने फैलते हुए या त्वचा का रंग बिगड़ते हुए दिखाई दे, और घरेलू उपचार से कोई सुधार न हो, तो किसी त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें। शुरुआती उपचार से संक्रमण गंभीर होने या बार-बार होने से बच जाता है।

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