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    सिर्फ डेंगू ही नहीं, मानसून में Fungal Infection का भी बढ़ जाता है खतरा, इन तरीकों से रखें अपना ख्याल

    Updated: Thu, 04 Jul 2024 06:23 PM (IST)

    मानसून का महीना फंगल इन्फेक्शन के खतरे को काफी बढ़ा देता है। हवा में नमी बढ़ने की वजह से फंगस और अन्य माइक्रोब्स आसानी से बढ़ने लगते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए Fungal Infections से बचाव के तरीके अपनाएं। आइए जानें मानसून में फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection in Monsoon) के खतरे को कम करने के लिए टिप्स।

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    ऐसे करें Fungal Infection से बचाव (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Tips to Prevent Fungal Infection in Monsoon: गर्मी की तपती चिलचिलाती धूप के बाद बारिश की फुहार के बाद लोगों ने चैन की सांस ली है। मानसून का आगमन सिर्फ हमारे लिए ही खुशनुमा नहीं होता, बल्कि बैक्टीरिया और अन्य जीवाणुओं को भी यह मौसम बेहद पसंद होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में हवा में नमी बढ़ने की वजह से ये जीवाणु आसानी से पनपते हैं और ज्यादा मात्रा में ग्रो भी करते हैं।

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    इसलिए मानसून में फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection in Monsoon) का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए मानसून में रिगं वॉर्म, एथलीट्स फुट जैसी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे में फंगल इन्फेक्शन से अपनी रक्षा करना काफी जरूरी है। इसलिए हम कुछ ऐसे टिप्स लाए हैं, जिनसे फंगल इन्फेक्शन से बचने (Fungal Infection Prevention Tips) में काफी मदद मिलेगी। आइए जानें।

    कैसे करें फंगल इन्फेक्शन से बचाव?

    ढीले कपड़े पहनें

    मानसून सीजन में हवा में नमी बढ़ जाती है, जिसके कारण काफी पसीना आता है और फंगस ऐसी ही नम जगहों पर पनपते हैं। इसलिए सूती के ढीले कपड़े पहनें, ताकि पसीना कम आए और जल्दी सूख भी जाए। ऐसे में मोटे कपड़े, जैसे जीन्स या ऐसे कपड़े जो पसीना कम सोखते हों, उन्हें पहनने से बचना चाहिए।

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    पसीना साफ करें

    अगर आपको ज्यादा पसीना आता है, तो बहुत समय तक पसीने में भीगे कपड़े पहनकर न रहें, बल्कि कपड़े बदलते रहें। ऐसे ही शरीर के कुछ हिस्से, जैसे- अंडरआर्म्स, घुटने के पीछे, कोहनी में ज्यादा पसीना आता है। इसलिए समय-समय पर इन जगहों को पोछते रहें, ताकि पसीने के कारण वहां फंगस न पनपने लगें। ऐसे ही वर्कआउट करने के बाद भी तुरंत नहाएं और कपड़े बदलें।

    हाथ धोएं

    कोई भी किटाणु सबसे अधिक हमारे हाथों के जरिए ही फैलते हैं, क्योंकि हमारे हाथों से हम शरीर का लगभग हर अंग छूते हैं। इसलिए बाहर से आने के बाद, किसी जानवर को छूने के बाद या सफाई आदि के बाद हाथ जरूर धोएं और अच्छे पोछें। इससे फंगल इन्फेक्शन का खतरा कम होगा।

    तौलिए और चादर बदलें

    नहाने के बाद या कहीं भी बाहर से आने के बाद हम तौलिए में ही हाथ पैर पोछते हैं। ऐसे ही सोते समय निकलने वाला पसीना हमारे तकिए और चादर पर लगते हैं। इसलिए इन दोनों पर हमारा पसीना लगा रहता है, जिसकी वजह से उनमें फंगस ग्रो कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने तौलिए और चादर को नियमित रूप से बदलें।

    खुजली न करें

    अगर आपको फंगल इन्फेक्शन हो गया है, तो उस जगह पर खुजली न करें। इससे इन्फेक्शन बढ़ सकता है या और भी गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए खुजली बिल्कुल न करें।

    खुद से दवा न लें

    अगर फंगल इन्फेक्शन हो गया है, तो खुद से दवा बिल्कुल न लें। इससे बस अस्थायी रूप से आराम मिलता है और कुछ दिनों में संक्रमण फिर से लौट सकता है। इसलिए शरीर पर कोई रैश या निशान दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    अंडरगार्मेंट्स साफ पहनें

    हमारे प्राइवेट अंगों में भी काफी पसीना आता है। साथ ही, महिलाओं में वेजाइनल डिसचार्ज की वजह से प्राइवेट पार्ट में नमी बढ़ जाती है। इसलिए रोज अंडरवेयर बदलें और उन्हें अच्छे से गर्म पानी में साफ करें।

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