Treadmill vs Outdoor Running: ज्वाइंट्स के लिए दोनों में से क्या है बेहतर? यहां जान लें जरूरी बात
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रहीं हैं। कोई माेटापे से परेशान है तो कोई जोड़ों में दर्द की समस्या से जूझ रहा है। दौड़ना एक आसान और असरदार वर्कआउट है लेकिन ट्रेडमिल और बाहर दौड़ने में से क्या बेहतर है?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रहीं हैं। खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण लोगों को जहां मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियां घेर रहीं हैं, तो वहीं दूसरी ओर लगातार घंटों बैठकर काम करने से ज्वाइंट्स तक जाम हो जा रहे हैं। इसके लिए वे कई तरह के उपाय करते हैं। कोई दौड़ लगाता है, तो कोई कई तरह की एक्सरसाइज करता है।
इससे फिटनेस भी बनी रहती है, साथ ही ज्वाइंट्स के दर्द से भी आराम मिलता है। अगर आप फिटनेस की शुरुआत कर रहे हैं या किसी आसान और असरदार वर्कआउट की तलाश में हैं, तो रनिंग यानी दौड़ना एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। ये न केवल शरीर को एक्टिव रखता है, बल्कि वजन कम करने से लेकर दिल की सेहत तक के लिए फायदेमंद माना जाता है। आजकल लोग दौड़ने के लिए सिर्फ बाहर पार्क या रोड पर ही निर्भर नहीं रहते, बल्कि जिम जाकर ट्रेडमिल का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि दोनों में से क्या बेहतर है। बाहर दौड़ना या ट्रेडमिल पर? क्या फर्क है दोनों तरीकों में? क्या इनमें से कोई तरीका ज्यादा फायदेमंद या आसान है? इन दोनों में से कौन हमारे ज्वाइंट्स के लिए सही है और वजन कम करने में भी मदद करता है? अगर आप भी कन्फ्यूज हैं तो हम आपको अपने इस लेख में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं-
आसान एक्सरसाइज है रनिंंग
आपको बता दें कि रनिंग सबसे आसान और असरदार कार्डियो वर्कआउट्स में से एक है। लेकिन अब टेक्नोलॉजी की मदद से घर बैठे भी ट्रेडमिल पर आराम से रनिंग की जा सकती है। रनिंग एक हाई-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है, जिसमें आपके शरीर का वजन बार-बार आपके घुटनों, टखनों और हिप्स पर पड़ता है। आपकी स्पीड के मुताबिक, ये दबाव दो से चार गुना तक बढ़ सकता है। अगर आप लंबे समय तक बिना ध्यान दिए दौड़ते हैं, तो इससे ज्वाइंट्स में दर्द, शिन स्प्लिंट्स या स्ट्रेस फ्रैक्चर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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ट्रेडमिल रनिंग के फायदे
- ट्रेडमिल में शॉक-एब्जॉर्बिंग बेल्ट होती है जो हर स्टेप्स को थोड़ा सॉफ्ट बनाती है। इससे जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है।
- बाहर की तरह यहां गड्ढे या ऊबड़-खाबड़ रास्ते नहीं होते हैं। इससे गिरने का खतरा भी कम हो जाता है।
- बारिश, धूप या ठंड की वजह से आपको रुकना नहीं पड़ता है। आप कभी भी ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज कर सकते हैं।
- इससे एक्सरसाइज को धीरे-धीरे बढ़ाना आसान होता है, जोड़ों पर भी ज्यादा जोर नहीं पड़ता है।
ट्रेडमिल के नुकसान
- बार-बार एक जैसी रनिंग से जोड़ों में थकान आ सकती है।
- बेल्ट अपने आप चलती है, जिससे शरीर का पिछला हिस्सा कम एक्टिव हो सकता है।
बाहर दौड़ने के फायदे
- घास, मिट्टी, ट्रेल्स पर दौड़ने से शरीर का बैलेंस बनता है। मसल्स को भी मजबूती मिलती है।
- अलग-अलग जगह पर दौड़ने से शरीर में लचीलापन आता है और फॉर्म बेहतर होती है।
- इसके अलावा धूप से विटामिन D मिलता है जो हड्डियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है।
बाहर दौड़ने के नुकसान
- रोड या कंक्रीट पर दौड़ने से झटका ज्यादा लगता है जो जोड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
- गड्ढे, पत्थर या गीली पत्तियां फिसलने या मोच आने की वजह बन सकते हैं।
किसे चुनें?
ट्रेडमिल पर दौड़ने से ज्वाइंट्स पर कम दबाव पड़ता है। वहीं, ट्रेल रनिंग यानी कि मिट्टी या घास पर दौड़ने से ज्वाइंट्स मजबूत होते हैं लेकिन अचानक मोच या गिरने का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपको ज्वाइंट्स में दर्द है तो ट्रेडमिल आपके लिए बेहतर हो सकता है। अगर आपको अच्छा एक्सपीरियंस है और ज्वाइंट्स को मजबूत करना चाहते हैं, तो बाहर की दौड़ (खासतौर पर घास या मिट्टी पर) ज्यादा फायदेमंद हो सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- दौड़ने से पहले और बाद में स्ट्रेच करें
- पैरों और पेट की मसल्स को मजबूत करें
- अच्छे रनिंग शूज पहनें
- हर दिन एक ही जगह पर न दौड़ें
- दर्द होने पर रुकें और आराम करें
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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