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    Vitamin-D की कमी खोल सकती है बीमारियों का पिटारा, समय रहते हो जाएं सावधान

    Updated: Fri, 25 Apr 2025 12:39 PM (IST)

    विटामिन-डी हमारे शरीर को हेल्दी बनाने और इसके सही विकास में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान शरीर में इसकी कमी (vitamin D deficiency) का कारण बनने लगता है जिससे कई बीमारियां हो सकती है। आइए जानते हैं इसकी कमी से होने वाली बीमारियों और बचाव के तरीकों के बारे में।

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    विटामिन-डी की कमी के नुकसान (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विटामिन-डी हमारे शरीर के सही विकास के लिए बेहद जरूरी है। इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, जो हमारे शरीर में कई जरूरी काम करता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा शरीर में इसकी सही मात्रा बरकरार रखने की सलाह देते हैं। हालांकि, इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल और खानपान में लापरवाही लोगों के शरीर में विटामिन-डी की कमी (vitamin D deficiency) का कारण बनने लगी है।

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    शरीर में इसकी कमी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। इतना ही नहीं इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारियों के बारे में जानकर समय रहते इसकी कमी को दूर किया जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में शारदा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. भूमेश त्यागी से जानेंगे शरीर में क्यों जरूरी विटामिन-डी और इसकी कमी (vitamin D deficiency Causes) किन बीमारियों की वजह बन सकती है?

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    शरीर में क्यों जरूरी है विटामिन डी?

    विटामिन डी (vitamin D deficiency Prevention tips) शरीर को कैल्शियम और फॉस्फेट को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है। इसके अलावा यह प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है, जिससे कई तरह की बीमारियों और इन्फेक्शन से बचाव होता है।

    किन बीमारियों की वजह बनती है विटामिन डी की कमी

    • रिकेट्स (बच्चों में): शरीर में विटामिन-डी की कमी बच्चों में रिकेट्स का कारण बनती है। इस बीमारी की वजह से से हड्डियां विकृत हो जाती हैं। शरीर में विटामिन डी की गंभीर कमी होने पर यह बीमारी होती है।
    • ऑस्टियोमैलेशिया (वयस्कों में): बच्चों के अलावा विटामिन-डी की कमी वयस्कों के लिए भी हानिकारक है। इसकी कमी वयस्कों में ऑस्टियोमैलेशिया का कारण बनती है। इस बीमारी की वजह से हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी होती है।
    • ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों की कमजोरी: शरीर में विटामिन डी की कमी होने से कैल्शियम का अब्जॉर्प्शन भी कम हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इस कंडीशन को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।
    • हार्ट डिजीज: कुछ स्टडीज में पता चला है कि विटामिन डी की कमी से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।
    • ऑटोइम्यून डिजीज: विटामिन डी की कमी के कारण मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस), रुमेटॉइड गठिया आदि का खतरा भी बढ़ सकता है।
    • डायबिटीज का खतरा: कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
    • इन्फेक्शन और बुखार: विटामिन डी की कमी की वजह से इम्यून सिस्टम से कमजोर हो जाता है, जिससे बार-बार सर्दी-जुकाम या अन्य तरह के दूसरे संक्रमण हो सकते हैं।
    • डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर: विटामिन डी की कमी सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसकी कमी से मूड स्विंग, एंग्जायटी और डिप्रेशन हो सकता है।

    कैसे दूर करें विटामिन-डी की कमी?

    • सूरज की रोशनी विटामिन-डी का सबसे बढ़िया और नेचुरल सोर्स है। सूरज की रोशनी में संपर्क में आने से शरीर में अपने आप इसका प्रोडक्शन होता है। इसलिए इसकी कमी दूर करने के लिए हफ्ते में कम से कम 3-4 बार सुबह 15-20 मिनट धूप में रहना चाहिए। सुबह 7 से 10 बजे के बीच 20-30 मिनट की धूप विटामिन डी की कमी दूर कर सकती है।
    • डाइट में विटामिन-डी रिच फूड्स जैसे अंडे, मछली, दूध, दही, पनीर और मशरूम जैसी चीजे शामिल करें।
    • अगर मेडिकल जांच में इसकी कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं। अगर समय रहते इस कमी को पूरा कर लिया जाए, तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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