महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की जान लेता है कैंसर, डॉक्टर ने बताया- ये गलती साबित हो रही जानलेवा
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक प्रभावित करती है। डॉक्टर हरीश वर्मा के अनुसार पुरुषों में कैंसर से मृत्यु दर ज्यादा है क्योंकि वे नियमित जांच से बचते हैं शुरुआती लक्षणों को अनदेखा करते हैं और मदद मांगने को कमजोरी मानते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक बना हुआ है, जो हर साल लाखों पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित करता है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। इसके कई सारे प्रकार होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं।
हर साल कई पुरुष और महिलाएं इसकी चपेट में आते हैं, लेकिन महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा असुरक्षित होते हैं। ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद डॉक्टर का कहना है। इस बारे में जानकारी देते हुए कैंसर विशेषज्ञ डॉ. हरीश वर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया और बताया कि क्यों महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा कैंसर से ज्यादा खतरा होता है।
डॉक्टर हरीश की मानें, तो महिलाओं में कैंसर का निदान होने की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन पुरुषों में इससे मरने की संभावना कहीं ज्यादा होती है। इसके कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं, जो निम्न हैं-
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रेगुलर चेकअप से बचते हैं पुरुष
महिलाओं अक्सर अपने चेकअप या किसी समस्या के बारे में जानने के लिए डॉक्टर की सलाह लेते रहते हैं, लेकिन आमतौर पर पुरुष ऐसा करने से बचते हैं। वह डॉक्टर के पास तब तक नहीं जाते, जब तक उन्हें कोई गंभीर समस्या का महसूस न हो। इसका मतलब यह है कि पुरुषों में अक्सर कैंसर की पहचान देर से होती है, जिससे उनका इलाज मुश्किल हो जाता है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 44% पुरुष कहते हैं कि वे डॉक्टर के पास तब तक नहीं जाते जब तक कि यह बहुत ज्यादा जरूरी न हो।
शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना
कुछ ऐसे शुरुआती लक्षण हैं, जो समय रहते कैंसर की पहचान करने में मदद करते हैं। बिना किसी कारण के वजन कम होना? गांठें या सूजन? लगातार थकान? मल त्याग या मूत्राशय की आदतों में बदलाव? कई पुरुष इन चेतावनी संकेतों को तब तक नजरअंदाज करते हैं, जब तक कि बहुत देर न हो जाए।
मदद मांगने को कमजोरी समझना
समाज में पुरुषों की परवरिश ऐसी की जाती है, जिसमें मदद मांगना कमजोरी माना जाता है। ऐसे में अक्सर पुरुष दर्द को अनदेखा करते हैं, जो आगे चलकर उनकी सेहत के लिए हानिकारक साबित होता और इस तरह कैंसर को बढ़ने का और समय मिल जाता है।
आदतें जो बढ़ाती हैं खतरा
स्मोकिंग, शराब, रेड मीट, देर रात तक जागना, प्रोसेस्ड फूड, एक्सरसाइज की कमी जैसी आदतों से पुरुषों के घिरे होने की संभावना ज्यादा होती है। इससे फेफड़े, लिवर, गले, कोलन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा सूजन, इंसुलिन प्रतिरोध, हार्मोन असंतुलन ये सभी कैंसर को बढ़ावा देते हैं। फिर भी ज्यादातर पुरुष तभी जांच कराते हैं, जब लक्षण गंभीर हो जाते हैं।
ऐसे करें अपना बचाव
इन सभी कारणों को देखते हुए यह पता चलता है कि अपनी कुछ आदतों और सोच के चलते पुरुषों की इस गंभीर बीमारी से ज्यादा जान जाती हैं। ऐसे में डॉक्टर के बताई कुछ बातों को ध्यान में रख आप अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
- सिर्फ अपने मन की नहीं, बल्कि अपने शरीर की सुनें
- एनुअल चेकअप, ब्लड टेस्ट, गट हेल्थ और हार्मोन को प्राथमिकता दें
- लाइफस्टाइल से जुड़ी ऐसी आदतें छोड़ें, जो आपको खतरे में डालती हैं
- अच्छी नींद लें और न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट चुनें
- अपने डॉक्टर, पार्टनर या दोस्तों से अपने स्वास्थ्य के बारे में बात करें
- जल्दी कदम उठाने से जान बचती है। जांच कराना कमजोरी नहीं, समझदारी है।
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