World Kidney Cancer Day 2025: अक्सर देर से ही क्यों चलता है किडनी कैंसर का पता? डॉक्टर ने बताई वजह
कुछ बीमारियां इतनी चुपचाप से आती हैं कि हमें उनका एहसास तब होता है जब बहुत देर हो चुकी होती है। जी हां किडनी कैंसर भी इन्हीं में से एक है। आइए 19 जून को मनाए जा रहे World Kidney Cancer Day 2025 के मौके पर श्री गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आदित्य सरीन से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जून के तीसरे गुरुवार को हर साल विश्व किडनी कैंसर दिवस (World Kidney Cancer Day 2025) मनाया जाता है। किडनी, हमारे शरीर का एक बहुत ही खास अंग है। यह खून को साफ करती है, शरीर से गंदगी बाहर निकालती है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती है।
हालांकि, जब किडनी में कैंसर होता है, तो अक्सर शुरुआत में इसके कोई खास लक्षण (Kidney Cancer Symptoms) दिखाई नहीं देते, जिससे इसका पता देर से चलता है और सेहत के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाती है। ऐसे में, आइए डॉ. आदित्य सरीन से जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और हम इससे कैसे बच सकते हैं।
किडनी कैंसर के लक्षण पहचानना क्यों है मुश्किल?
हमारी किडनियां, शरीर के काफी अंदरूनी हिस्से में होते हैं। इसी वजह से, जब उनमें कैंसर की शुरुआत होती है, तो वे अक्सर कोई दर्द या स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाते। कल्पना कीजिए, एक छोटा-सा ट्यूमर तब तक दर्द नहीं देगा जब तक वह इतना बड़ा न हो जाए कि आसपास के अंगों पर दबाव डालना शुरू कर दे। यही कारण है कि शुरुआती स्टेज में इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।
वो संकेत जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं
किडनी कैंसर के शुरुआती लक्षण इतने हल्के या आम होते हैं कि उन्हें अक्सर किसी और सामान्य बीमारी का संकेत मान लिया जाता है। कुछ सामान्य संकेत जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं:
- पेशाब में खून: यह सबसे जरूरी संकेत हो सकता है, लेकिन अक्सर यह इतना कम होता है कि हमें नंगी आंखों से दिखाई भी नहीं देता (माइक्रोस्कोपिक हेमेटुरिया)।
- कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द: यह दर्द हल्का हो सकता है और अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव समझ लिया जाता है।
- अचानक वजन कम होना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन घटना कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
- थकान और कमजोरी: लगातार थकान महसूस होना, जबकि आप पर्याप्त आराम कर रहे हों।
- हल्का बुखार: बिना किसी इन्फेक्शन के लगातार हल्का बुखार रहना।
ये सभी लक्षण इतने सामान्य हैं कि कोई भी इन्हें नजरअंदाज कर सकता है या इन्हें रोजमर्रा की छोटी-मोटी समस्याओं से जोड़ सकता है।
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किन्हें रहना चाहिए ज्यादा सतर्क?
कुछ लोगों में किडनी कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। अगर आप इनमें से किसी श्रेणी में आते हैं, तो आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है:
- 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग: उम्र बढ़ने के साथ खतरा बढ़ता है।
- धूम्रपान करने वाले: धूम्रपान कई तरह के कैंसर से जुड़ा है, जिनमें किडनी कैंसर भी शामिल है।
- हाई ब्लड प्रेशर या मोटापे से ग्रस्त लोग: ये स्थितियां कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- फैमिली हिस्ट्री वाले लोग: अगर आपके परिवार में किसी को किडनी कैंसर हुआ है।
- लंबे समय से डायलिसिस पर चल रहे मरीज: किडनी की पुरानी बीमारियां भी जोखिम बढ़ाती हैं।
किडनी कैंसर से जुड़ी कड़वी सच्चाई
चौंकाने वाली बात यह है कि किडनी कैंसर के ज्यादातर मामले अक्सर 'संयोग' से ही सामने आते हैं। जब लोग किसी और बीमारी के लिए स्कैन या टेस्ट करवाते हैं, तब अचानक से किडनी में ट्यूमर का पता चलता है। यही कारण है कि रेगुलर टेस्ट्स इतने जरूरी हैं कि वे आपको ऐसी बीमारियों का पता लगाने में मदद कर सकती हैं जिनके बारे में आपको पता ही नहीं था।
सावधानी है बेहद जरूरी
वर्ल्ड किडनी कैंसर दिवस हमें याद दिलाता है कि अपने शरीर के संकेतों को कभी नजरअंदाज न करें। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी असामान्य लक्षण महसूस होते हैं, खासकर अगर आप हाई रिस्क वाले ग्रुप में हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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