World Thyroid Day 2025: क्यों महिलाओं में ज्यादा होती है थायरॉइड की समस्या, जानें कारण और लक्षण
आजकल थायरॉइड एक गंभीर समस्या बन गई है। हर साल 25 मई को World Thyroid Day 2025 मनाया जाता है जिसका उद्देश्य थायरॉइड के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में थायरॉइड की समस्या अधिक होती है क्योंकि उनमें हार्मोनल बदलाव ज्यादा होते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इससे बचाव किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल लोग अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। उन्हीं में से थायरॉइड भी एक गंभीर बीमारी है। जब Thyroid Gland सही से काम करना बंद कर देता है तो थायरॉइड हार्मोन की मात्रा असंतुलित हो जाती हैं। थायरॉइड से जुड़ी बीमारियों की बात करें तो तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं। पहला तो हाइपोथायरॉइडिज्म, वहीं दूसरा है हाइपरथायरॉइडिज्म।
एक में तो Thyroid Gland कम हार्मोन रिलीज करता है तो दूसरी बीमारी होने पर थायरॉइड ग्लैंड ज्यादा हार्मोन रिलीज करता है। हर साल 25 मई को World Thyroid Day 2025 मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान के बारे में जागरूक करना है। थायरॉइड की बात करें तो ये छोटी सी ग्रंथि होती है जो हमारे गले में होती है।
क्या है थायरॉइड का काम?
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, थायरॉइड ग्लैंड तितली के आकार की होती है। जो हमारे गर्दन के निचले हिस्से में होती है। इसका मेन काम मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाना होता है। मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने के लिए थायरॉयड ग्लैंड हार्मोन T4 और T3 रिलीज करता है। ये शरीर के सेल्स को बताते हैं कि कितनी एनर्जी का इस्तेामल करना है। थायरॉइड से जुड़ी बीमारियां किसी को भी अपने चपेट में ले सकती हैं। हालांकि पुरुषों के मुकाबले, महिलाओं में थायरॉइड से जुड़ी समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
क्यों महिलाओं को होता है ज्यादा खतरा?
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव ज्यादा देखने काे मिलते हैं। बचपन से लेकर पीरियड्स, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज के दौरान हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव जारी होता है। ऐसे में थायरॉइड ग्लैंड ठीक से काम नहीं कर पाता है। इस कारण महिलाओं में हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइडिज्म का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर परिवार में थायरॉइड से जुड़ा कोई इतिहास रहा हो तब भी इसकी समस्या होने के चांस ज्यादा होते हैं।
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पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा तनाव लेती हैं। क्योंकि उन पर घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारियां होती हैं। तनाव के कारण भी थायरॉइड से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आपको बता दें कि तनाव के कारण भी हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं। वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान भी महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसका सीधा असर थायरॉइड पर भी पड़ता है।
थायरॉइड के लक्षण
- वजन बढ़ना
- शुष्क त्वचा
- चेहरा फूला हुआ नजर आना
- पीरियड्स का असंतुलित होना
- बालों का झड़ना
- डिप्रेशन
- जोड़ों में दर्द
- थकान
- मूड स्विंग्स
ऐसे करें बचाव
- योग करें
- जंक फूड्स खाने से बचें
- हेल्दी डाइट लें
- स्मोक न करें
- पर्याप्त नींद लें
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Source-
- https://www.clevelandclinicabudhabi.ae/en/health-hub/health-resource/diseases-and-conditions/thyroid-disease
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