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    पब्लिक टॉयलेट के दरवाजे जमीन को क्यों नहीं छूते... सिर्फ साफ-सफाई नहीं, ये 3 बातें भी हैं वजह

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 10:54 AM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब प्राइवेसी इतनी जरूरी है, तो मॉल या एयरपोर्ट के पब्लिक टॉयलेट के दरवाजे जमीन को क्यों नहीं छूते? यह अजीब-सा गैप सिर्फ एक डिजाइन की गलती नहीं है, बल्कि यह एक सोचा-समझा रहस्य है। जब आप अंदर लॉक करके बैठते हैं, तो आपको लगता होगा है कि यह थोड़ी-सी खुली जगह आपकी प्राइवेसी को खराब कर रही है। आइए जानते हैं इसकी वजहों के बारे में।

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    पब्लिक टॉयलेट के दरवाजों के नीचे क्यों छोड़ी जाती है खाली जगह? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी मॉल, सिनेमा हॉल या रेलवे स्टेशन पर पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते समय यह ध्यान दिया है कि उसके दरवाजे जमीन को क्यों नहीं छूते?

    जी हां, दरवाजे के निचले हिस्से में अक्सर एक खाली जगह छोड़ी जाती है। पहली नजर में यह प्राइवेसी से समझौता लग सकता है, लेकिन इसके पीछे एक नहीं, बल्कि कई सोचे-समझे और व्यावहारिक कारण हैं। आइए जानते हैं।

    why public toilet doors dont touch the floor

    (Image Source: AI-Generated)

    साफ-सफाई में आसानी

    पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल दिन भर सैंकड़ों लोग करते हैं, जिससे फर्श पर पानी और गंदगी जमा हो जाती है। यह सबसे बड़ा कारण है कि दरवाजों को नीचे से छोटा रखा जाता है।

    • दरवाजों के नीचे गैप होने से सफाईकर्मी बिना हर स्टॉल को खोले झाड़ू, वाइपर या मॉप आसानी से लगा सकते हैं।
    • टॉयलेट धोने के बाद गंदा पानी आसानी से बाहर निकल जाता है, जिससे फर्श गीला नहीं रहता और बदबू कम होती है।
    • चूंकि फर्श लगातार गीला रहता है, अगर दरवाजा जमीन को छूएगा तो नमी के कारण वह जल्दी सड़ सकता है। नीचे जगह होने से दरवाजा पानी के सीधे संपर्क से बचा रहता है।

    इमरजेंसी में तुरंत मदद

    किसी भी पब्लिक एरिया में सुरक्षा सबसे जरूरी होती है। यह गैप आपातकालीन स्थितियों से निपटने में बहुत मददगार होता है।

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    • अगर कोई व्यक्ति अंदर बेहोश हो जाए, फिसल जाए या उसे मेडिकल इमरजेंसी हो जाए, तो बाहर मौजूद लोग नीचे से उसके पैर देखकर तुरंत जान सकते हैं कि अंदर कुछ गड़बड़ है।
    • दरवाजा अंदर से लॉक होने पर, नीचे की जगह से किसी जरूरतमंद को बाहर निकाला जा सकता है या बाहर से मदद पहुंचाई जा सकती है। छोटे बच्चे गलती से खुद को लॉक कर लें तो भी वह इस गैप का इस्तेमाल करके बाहर आ सकते हैं।

    वेंटिलेशन का काम

    पब्लिक टॉयलेट में वेंटिलेशन की समस्या आम होती है।

    • दरवाजों के नीचे खुली जगह होने से टॉयलेट के अंदर और बाहर हवा का फ्लो बना रहता है। इससे अंदर की गंदी और भरी हुई हवा बाहर निकलती है, जिससे बदबू कम होती है और घुटन महसूस नहीं होती।
    • दूषित हवा, जो अक्सर भारी होती है, नीचे की ओर जमा होती है। यह गैप उस हवा को बाहर निकलने का रास्ता देता है, जिससे टॉयलेट इस्तेमाल करने लायक बना रहता है।

    दुरुपयोग पर रोक और लागत में कमी

    यह डिजाइन और भी कई मामलों में उपयोगी साबित होता है।

    • पूरा बंद दरवाजा होने पर कुछ लोग अंदर धूम्रपान करने या किसी अन्य गलत एक्टिविटी में शामिल हो सकते हैं। नीचे गैप होने से कुछ हद तक विजिबिलिटी बनी रहती है, जो ऐसे दुरुपयोग को हतोत्साहित करती है।
    • जमीन से छोटे दरवाजे बनाने में कम सामग्री लगती है, जिससे उनकी लागत कम हो जाती है। चूंकि पब्लिक टॉयलेट में कई स्टॉल होते हैं, इसलिए इस छोटे से बदलाव से कुल खर्च में अच्छी बचत हो जाती है।

    इस तरह, जो खाली जगह आपको मामूली लगती है, वह असल में स्वच्छता, सुरक्षा, वेंटिलेशन और लागत बचत जैसी कई महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सोचा-समझा डिजाइन है। प्राइवेसी जरूरी है, लेकिन ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगह पर व्यावहारिक उपयोगिता को प्राथमिकता दी जाती है।

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