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    बच्चों को बनाना है क्लास में नंबर वन, तो सिखाएं उन्हें ये 5 अच्छी आदतें

    By Meenakshi NaiduEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 03:55 PM (IST)

    बच्चों के ऐकेडमिक परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए उनकी डेली आदतों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। जैसे समय पर सोना और उठना, सुबह थोड़ा रिवीजन करना, एक तय समय पर पढ़ाई करना, पढ़ाई का स्थान व्यवस्थित रखना, हर दिन कुछ नया सीखना, स्क्रीन टाइम को सीमित रखना, सवाल पूछने की आदत डालना और डेली मेडिटेशन, ये सभी आदतें मिलकर न केवल उनकी एकाग्रता बढ़ाती हैं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और अनुशासित बनाकर पढ़ाई में बेहतर परिणाम लाने में मदद करती हैं।

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    बच्चों को पढ़ाई में बेहतर बनाने वाली आदतें (Picture Credit- AI Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों का एकेडमिक सुधार केवल स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा पर निर्भर नहीं करता, बल्कि उनकीडेली की आदतों और लाइफ स्टाइल पर भी गहराई से असर डालता है। सही आदतें बच्चों को आत्मनिर्भर, फोकस्ड और डिसीप्लीन्ड बनाती हैं, जिससे वे पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि एक रूटीन के रूप में एक्सेप्ट करते हैं।

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    अगर पेरेंट्स शुरू से ही बच्चों की डेली हैबिट्स पर ध्यान दें, तो न केवल उनका एकेडमिक परफॉर्मेंस सुधरता है, बल्कि उनका मेंटल, सोशल और इमोशनल डेवलपमेंट भी बेहतर होता है। यहां बताए गए कुछ डेली हैबिट्स बच्चों को ऐकेडमिक तरीके से भी बेहतर बना सकते हैं 

    समय पर सोना और उठना

    पर्याप्त नींद बच्चों के दिमाग को तरोताजा रखती है। हर दिन एक तय समय पर सोना और सुबह समय से उठना उनकी बॉडी क्लॉक को नियमित करता है, जिससे वे दिनभर एनर्जेटिक और फोकस्ड रहते हैं।

    सुबह 15 मिनट रिवीजन

    दिन की शुरुआत में किया गया रिवीजन या दोहराव दिमाग को सक्रिय करता है और पहले से सीखी गई जानकारी को याद रखने में मदद करता है।

    एक फिक्स स्टडी टाइम बनाना

    रोज एक निर्धारित समय पर पढ़ाई करना बच्चों के दिमाग को उस समय एक्टिव मोड में डाल देता है। इससे वे पढ़ाई को टालने के बजाय सहजता से उसे अपनाते हैं।

    पढ़ाई के स्थान को व्यवस्थित रखना

    अच्छी पढ़ाई के लिए साफ-सुथरा, शांत और व्यवस्थित माहौल जरूरी होता है। किताबें, स्टेशनरी और टाइम टेबल पहले से तैयार होने से ध्यान केंद्रित रहता है।

    हर दिन एक नया शब्द या जानकारी सीखना

    इस आदत से बच्चों की वोकेबुलरी बढ़ती है और वे सब्जेक्ट को गहराई से समझने लगते हैं। यह भाषा, विज्ञान और सामाजिक ज्ञान में सुधार करता है।

    सीमित लेकिन सही स्क्रीन टाइम

    मोबाइल या टीवी का सीमित इस्तेमाल करें और उसका कुछ हिस्सा एजुकेशनल वीडियो, डॉक्यूमेंट्री या कहानियों को दें, जिससे स्क्रीन भी सीखने का माध्यम बने।

    अपने डाउट्स जरूर पूछें

    बच्चों को यह सिखाएं कि सवाल पूछना कमजोरी नहीं बल्कि समझदारी की निशानी है। इससे उनकी समझ और आत्मविश्वास दोनों मजबूत होते हैं।

    डेली 5-10 मिनट ध्यान या मेडिटेशन

    छोटे बच्चों को ध्यान लगाने या गहरी सांस लेने की सरल तकनीक सिखाएं, जिससे उनका मेंटल बैलेंस मानसिक, फोकस और स्थिरता बढ़ती है।

    इन आदतों को अगर धैर्यपूर्वक रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो बच्चों का न केवल एकेडमिक ग्राफ ऊपर जाएगा, बल्कि वे एक संतुलित और सशक्त व्यक्तित्व के रूप में उभरेंगे।