इन पर्वतों को आज भी माना जाता है भगवान का घर, दर्शन करने के लिए कठिन रास्ते भी पार कर आते हैं भक्त
कई ऐसी जगह हैं जो अपने धार्मिक महत्व के लिए जानी जाती हैं। यहां मौजूद कई ऐसी जगह हैं जहां भगवान का वास माना जाता है। इतना ही नहीं धरती पर कुछ ऐसे पहाड़ भी हैं जो आज भी भगवान की मौजूदगी मानी जाती है। भगवान की इसी मौजूदगी का एहसास करने लोग दूर-दूर से इन पर्वतों पर आते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ पहाड़ों के बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी खूबसूरती के चलते भारत पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां की हर एक जगह अपने आप में खास है। यहां पर समुद्र की लहरें भी मौजूद हैं और आसमान छूते पहाड़ों के शिखर भी। पहाड़ कई लोगों को बेहद पसंद होते हैं। इनकी खूबसूरती दूर-दूर से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। यहां की हरियाली और शांत वातावरण अक्सर लोगों का दिल जीत लेते हैं।
खासकर भारत में पहाड़ों का अपना खास महत्व है और यह महत्व तब और बढ़ जाता है, जब इन पहाड़ों पर देवीय शक्ति का एहसास होता है। भारत में कई ऐसे पहाड़ मौजूद हैं, जहां ऐसा माना जाता है कि आज भी देवताओं का वास है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे देश के कुछ ऐसे पहाड़ों के बारे में, जहां आप भी कर सकते हैं देवीय शक्ति का एहसास-
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गोवर्धन पर्वत
वृंदावन के पास मौजूद गोवर्धन पर्वत का नाम तो हर कोई जानता है। यह एक ऐसा पर्वत है, जिसकी ऊंचाई बहुत ज्यादा तो नहीं है, लेकिन यह काफी दूर तक फैला हुआ है। यह पर्वत इंद्र देव के प्रकोप और श्रीकृष्ण के प्रेम का सबूत है। दरअसल, मान्यता है कि जब बारिश के देवता इंद्र ने वृंदावन के लोगों को दंडित करने के लिए तूफान और बारिश भेजी, तो कृष्ण ने इसी पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और सात दिनों तक सभी को इसके नीचे आश्रय दिया। आज भी लोग श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए इस पर्वत की परिक्रमा करते हैं।
त्रिकुटा पर्वत
त्रिकुटा पर्वत सुनते ही माता वैष्णों का दरबार याद आता है। कटरा में मौजूद इस पर्वत को वैष्णो देवी का घर माना जाता है। यह वही जगह है, जहां माता रानी निवास करती हैं और दूर-दूर से अपने भक्तों को आकर्षित करती हैं। यहां तक पहुंचने के लिए भक्तों 12 किमी को कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन माता का आशीर्वाद पाने और उनकी मौजूदगी का एहसास करने लोग इस कठिन रास्ते को भी पार कर जाते हैं।
कैलाश पर्वत
कैलाश पर्वत एक ऐसी जगह है, जिसे हिंदू, बौद्ध, जैन और बॉन अनुयायी आस्था का केंद्र मानते हैं। तिब्बत में मौजूद इस पर्वत का शिखर आसमास से बातें करता है और कोई इसे छूने की हिम्मत नहीं करता। दरअसल, इस पर्वत को भगवान शिव का घर है। भगवान का आशीर्वाद लेने भले ही लोग यहां चढ़ाई नहीं करते, लेकिन वे इसके चारों ओर परिक्रमा करते हैं। माना जाता है कि यह 52 किलोमीटर की यह यात्रा जीवन भर के कर्मों को शुद्ध करती है। कुछ लोग कहते हैं कि एक पूरी परिक्रमा करने से आपको पुण्य मिलता है।
अरुणाचल
ऐसे कई पहाड़ हैं, जिसमें देवता निवास करते हैं और अरुणाचल उन्हीं में से एक है। तमिलनाडु में मौजूद इस पवित्र शिखर को स्वयं भगवान शिव माना जाता है। रमण महर्षि जैसे संतों ने अपना जीवन यहीं बिताया था औकर इसके मार्गों पर चलते हुए आज लोग नंगे पाँव अरुणाचल की परिक्रमा करते हैं।
पार्वती घाटी
जैसाकि नाम से पता चलता है इस पर्वत का जुड़ाव भी भगवान शिव से है। ऐसा कहा जाता है कि पार्वती घाटी वह जगह है, जहां भोलनाथ ने हजारों सालों तक ध्यान किया था। आप आज भी यहां पर उस तेज और शांति का एहसास कर सकते हैं। अगर आप भी धरती भगवान की मौजूदगी महसूस करना चाहते हैं, तो यहां जरूर आएं।
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