Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भोपाल में 35 करोड़ की ठगी में कारोबारी दिलीप गुप्ता के ठिकानों पर EOW का छापा, नकदी, कारतूस व दस्तावेज जब्त

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 03:09 AM (IST)

    भोपाल में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने कारोबारी दिलीप गुप्ता के ठिकानों पर छापा मारा, जहाँ 21 लाख से अधिक नकद, कारतूस और कई दस्तावेज जब्त किए गए। गुप्ता पर डीजी मिनरल्स और श्री मां सीमेंटक में निवेश के नाम पर लगभग 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। शिकायतकर्ता ने बताया कि गुप्ता ने निवेश के बदले फर्जी चेक दिए थे। ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है।

    Hero Image

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपों में कारोबारी दिलीप गुप्ता के चूना भट्टी स्थित घर और एमपी नगर स्थित कार्यालय पर शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। टीम ने दोनों जगहों से 21 लाख 18 हजार रुपये नकद, 44 जिंदा कारतूस, और 60 से अधिक रजिस्ट्री–एग्रीमेंट दस्तावेज जब्त किए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तलाशी के दौरान 50 से अधिक कंपनियों की फाइलें भी मिलीं, जिनमें निवेश, लेन-देन और शेयर आवंटन से जुड़े अहम रिकॉर्ड हैं। ईओडब्ल्यू ने जांच को आगे बढ़ाते हुए 5 हार्ड डिस्क और 15 अलग-अलग नामों के पैन कार्ड बरामद किए हैं, जिनमें डिजिटल अकाउंट डेटा और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज होने की आशंका जताई गई है।

    शिकायत के बाद तेज हुई कार्रवाई

    13 सितंबर 2024 को विनीत जैन ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि दिलीप गुप्ता ने उनसे निवेश के नाम पर भारी रकम ली, लेकिन पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया। दस्तावेज छिपाने या नष्ट करने की आशंका को देखते हुए EOW ने छापेमारी की।

    क्या है पूरा मामला?

    शिकायतकर्ता का आरोप है कि दिलीप गुप्ता ने DG मिनरल्स प्रालि और श्री मां सीमेंटक प्रालि में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठे। माइनिंग बिजनेस में भारी लाभ और कंपनी में डायरेक्टर बनाने का लालच दिया गया।

    ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि 2017–18 के बीच शिकायतकर्ता ने 6.89 करोड़ रुपये आरोपित के खातों में ट्रांसफर किए। गुप्ता ने विश्वास बनाए रखने के लिए उन्हें 91 लाख रुपये लाभांश के रूप में लौटाए, ताकि निवेश जारी रहे।

    लेकिन जब शिकायतकर्ता ने अपनी पूंजी वापस मांगी, तो आरोपित ने 7.74 करोड़ का चेक बंद खाते से और 13 करोड़ का चेक ब्लॉक खाते से जारी किया—दोनों बाउंस हो गए। इतना ही नहीं, शेयर आवंटन के फर्जी दस्तावेज भी थमा दिए गए। कुल मिलाकर करीब 35 करोड़ की ठगी प्रमाणित हुई।