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    CJI के समक्ष जूता उछालने वाले वकील ने खजुराहो के जवारी मंदिर के सामने किया बगलामुखी हवन

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 12:54 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में CJI पर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर खजुराहो में हैं। जवारी मंदिर की मूर्ति को लेकर याचिकाकर्ता राकेश दलाल के साथ उन्होंने मंदिर के सामने बगलामुखी हवन किया। एएसआई की टीम दोनों पर नजर रख रही है। राकेश दलाल ने जवारी मंदिर में विष्णु की मूर्ति को रीस्टोर करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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    डिजिटल डेस्क, भोपाल। कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) पर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर इन दिनों छतरपुर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो पहुंचे हुए हैं। बुधवार को उन्होंने यहां के मंदिरों में दर्शन कर ध्यान साधना की थी।

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    इसी क्रम में गुरुवार को उन्होंने खजुराहो के जवारी मंदिर के सामने बगलामुखी हवन किया। इस दौरान मूर्ति को लेकर याचिका लगाने वाले राकेश दलाल सहित अनेक संत शामिल रहे। जहां विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। हवन-पूजन करने के बाद वकील राकेश किशोर बागेश्वर धाम निकल गए। वह बागेश्वर धाम पर कल यानी सात नवंबर को निकली जा रही पद यात्रा को लेकर होने वाली मीटिंग में शामिल होंगे। बताया गया है कि बागेश्वर धाम की पद यात्रा में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का समूह शामिल हो सकता है।

    एएसआई रख रहा नजर

    उधर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम दोनों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। एएसआई खजुराहो के अधिकारियों के अनुसार, जहां हवन-पूजन किया गया, वह स्थल प्रतिबंधित क्षेत्र की सीमा में नहीं आता।

    यह है मामला

    गौरतलब है कि राकेश दलाल ने खजुराहो मंदिर में स्थित जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची बिना सिर की मूर्ति को रीस्टोर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने 17 सितंबर को यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि ये मामला पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के दायरे में आता है।

    CJI ने की थी तल्ख टिप्पणी

    याचिका खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने यह तल्ख भी टिप्पणी की थी कि, "जाओ, अब भगवान से ही प्रार्थना करो। आप कहते हो कि आप भगवान विष्णु के भक्त हो, तो उनसे ही कुछ करने के लिए कहो। यह पुरातात्विक स्थल है, इसके लिए ASI की इजाजत चाहिए। हमें खेद है कि हम इसमें दखल नहीं दे सकते।"

    इस पर वकील राकेश कुमार ने जस्टिस गवई के टिप्पणी का विरोध करते हुए 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के अंदर जूता फेंकने की कोशिश की थी। इस घटना के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था और बाद में बार एसोसिएशन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था।