MP में सुनीता के बाद कुछ और माओवादी छोड़ सकते हैं हथियार, महाराष्ट्र-छग में समर्पण की लहर का असर यहां भी
बालाघाट में महिला माओवादी सुनीता सियाम के आत्मसमर्पण के बाद मध्य प्रदेश में सक्रिय अन्य माओवादियों के भी सरेंडर करने की संभावना है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, बालाघाट और मंडला के कुछ माओवादी दलम पिछले एक महीने से सक्रिय नहीं हैं। सुनीता ने महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी नेताओं से प्रभावित होकर यह कदम उठाया। छत्तीसगढ़ में समर्पण कर चुके भूपति ने भी साथियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी।

माओवादी (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के बालाघाट में 22 वर्षीय महिला माओवादी सुनीता सियाम के आत्मसमर्पण के बाद अब मध्य प्रदेश में सक्रिय कई अन्य माओवादियों के भी सरेंडर करने की संभावना जताई जा रही है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, बालाघाट और मंडला के कुछ माओवादी दलम पिछले एक महीने से सक्रिय नहीं हैं, जिससे उनके आत्मसमर्पण की अटकलें तेज हो गई हैं।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सरेंडर का असर
सुनीता ने पूछताछ में बताया कि उसने महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी नेताओं सोनू और रूपेश से प्रभावित होकर यह कदम उठाया। वहीं, छत्तीसगढ़ में समर्पण कर चुके भूपति ने एक वीडियो जारी कर बाकी साथियों से भी मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी। भूपति ने कहा था कि परिस्थितियां बदल चुकी हैं, अब हमें कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस अपील का असर अब एमएमएसी जोन (जिसमें महाराष्ट्र, मप्र व छत्तीसगढ़ शामिल है) के माओवादियों पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
सुनीता पहली महिला माओवादी जिसने किया आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ के बीजापुर की रहने वाली सुनीता वर्ष 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी। वह सेंट्रल कमेटी सदस्य रामदेर की गार्ड थी और गांव स्तर की एरिया कमेटी सदस्य के रूप में काम करती थी। उस पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह मध्य प्रदेश में पहली बार है जब किसी महिला माओवादी ने आत्मसमर्पण किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में करीब 60 माओवादी सक्रिय हैं, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं। इस साल हुई मुठभेड़ों में 9 महिला माओवादी मारी जा चुकी हैं।
नीति के तहत होगा पुनर्वास
पुलिस सुनीता से पूछताछ कर रही है। इसके बाद उसका मामला राज्य की समर्पण नीति 2023 के तहत राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति यह तय करेगी कि उस पर दर्ज प्रकरणों के आधार पर वह समर्पण की पात्र है या नहीं। सरकार नीति के अनुसार उसे सुरक्षा और पुनर्वास का लाभ देगी।
माओवाद के खिलाफ अभियान जारी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि 31 मार्च 2026 तक देश से माओवादी समस्या समाप्त कर दी जाएगी। इसके तहत तीनों राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ सघन कार्रवाई जारी है।

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