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    भोपाल से 6 लाख मतदाता गायब, दो लाख का पुराना रिकॉर्ड नहीं, अब साबित करनी होगी नागरिकता

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 11:00 PM (IST)

    भोपाल में मतदाता सूची से छह लाख मतदाताओं के नाम गायब हैं, जिनमें दो लाख पुराने रिकॉर्ड से भी गायब हैं। इन मतदाताओं को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। म ...और पढ़ें

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    भोपाल में एसआइआर।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भोपाल में चार नवंबर से चल रहा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान का एक चरण गुरुवार को पूरा हो जाएगा। बुधवार शाम तक जो आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक 2025 की मतदाता सूची से करीब छह लाख दो हजार 388 मतदाता गायब हैं।

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    जिले के सात विधानसभा क्षेत्र बैरसिया, उत्तर,नरेला, दक्षिण-पश्चिम, मध्य, गोविंदपुरा, हुजूर में कुल 2029 मतदान केंद्र हैं। इनमें करीब 21 लाख 25 हजार 908 मतदाता हैं, जिनमें से 21 लाख 25 हजार 848 मतदाताओं को गणना पत्रक वितरित किए गए थे। इनमें से 17 लाख 12 हजार 328 मतदाताओं के गणना पत्रक डिजिटाइज किए जा चुके हैं। चार लाख 13 हजार 580 मतदाताओं के गणना पत्रक अनकलेक्टेबल हैं।

    ये वे लोग हैं जो मतदाता सूची में दिए पते पर नहीं मिले, कहीं और रहने लगे हैं, मर चुके हैं अथवा सूची में उनका नाम दो बार अंकित था।

    इनके अलावा सात विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 88 हजार 808 मतदाताओं को नो मैपिंग में शामिल किया गया हैं। ये वे लोग हैं जिनका या जिनके संबंधी वर्ष 2003 की मतदाता सूची में कोई रिकार्ड नहीं मिला है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि अनकलेक्टेबल और नो मैपिंग वाले मतदाताओं का पता लगवाया जा रहा है। अब तक 20 हजार से अधिक मतदाताओं की पहचान कर ली गई है।

    सबसे अधिक गोविंदपुरा और नरेला में नहीं मिला रिकॉर्ड

    सात विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक नरेला में 44 हजार 686 और गोविंदपुरा में 41 हजार 140 मतदाता ऐसे हैं, जिनका 2003 की सूची में कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है और न ही उनके माता -पिता, दादा-दादी का रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। वहीं सबसे कम बैरसिया में दो हजार 327, उत्तर में 20 हजार 432, दक्षिण-पश्चिम 28 हजार 179, मध्य में 23 हजार 446 और हुजूर में 28 हजार 598 मतदाताओं का रिकॉर्ड नहीं मिला है।

    गोविंदपुरा में सबसे अधिक अनकलेक्टेबल पत्रक

    सात विधानसभा क्षेत्र में करीब चार लाख 13 हजार 580 मतदाता अनकलेक्टेबल पत्रक वाले हैं। इनमें चार श्रेणी के मतदाता शामिल हैं जिनकी मृत्यु, शिफ्ट हो गए, अनुपस्थित रहे या फिर दो जगह से सूची में नाम दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक गोविंदपुरा विधानाभा क्षेत्र में 98 हजार 290 मतदाता अनकलेक्टेबल पत्रक वाले हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर हुजूर में 69 हजार 632 और तीसरे नंबर पर नरेला 69 हजार 33 अनकलेक्टेबल पत्रक शामिल हैं।

    सात फरवरी तक आपत्तियों का निराकरण

    तय कार्यक्रम के मुताबिक 12 से 15 दिसंबर तक सूची का प्रारूप तैयार किया जाएगा और 16 दिसंबर को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन कर दिया जाएगा। जिसके बाद 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति लेने और सात फरवरी तक इनका निराकरण किया जाएगा। आयोग ने 14 फरवरी सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि तय की है।

    जो नहीं मिले उनको नया मतदाता बनना होगा

    अधिकारियों ने बताया कि अनकलेक्टेबेल पत्रक वाली सूची में आने वाले लोगों को कोई नोटिस नहीं भेजा जाएगा। प्रारूप प्रकाशन के बाद उनका नाम सूची में नहीं मिलता है तो उन्हें फार्म-छह के जरिए नये मतदाता के तौर पर खुद को पंजीकृत कराना होगा। इसके लिए आवेदन के साथ उन्हें नाम, पते, जन्मतिथि के प्रमाण के साथ नागरिकता का भी प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।

    जिनका रिकॉर्ड नहीं, उनको साबित करनी होगी नागरिकता

    एसआइआर के दौरान जिन मतदाताओं या उनके संबंधी का रिकॉर्ड 2003 की मतदाता सूची में नहीं मिला उनको बकायदा नोटिस जारी होगा। उन्हें 50 दिन का समय नागरिकता का दस्तावेज पेश करने के लिए दिया जाएगा।

    दस्तावेज की पांच श्रेणियां बनाईं

    1. एक जुलाई 1987 को भारत में जन्मे व्यक्ति को जन्मतिथि-जन्मस्थान की पुष्टि के लिए प्रमाणपत्र देना होगा।
    2. एक जुलाई 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे व्यक्ति को स्वयं की जन्मतिथि-जन्मस्थान के प्रमाणपत्र के साथ पिता की जन्मतिथि और जन्मस्थान को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज देना होगा।
    3. दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे व्यक्ति को स्वयं और पिता के जन्मस्थान-जन्मतिथि प्रमाणपत्र के साथ माता के जन्मस्थान और जन्मतिथि को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज देना होगा। अगर माता-पिता में से कोई भारतीय नहीं है तो उनका वैध पासपोर्ट-वीजा की एक प्रति देनी होगी।
    4. देश के बाहर जन्मे व्यक्ति को संबंधित देश के भारतीय मिशन से जारी जन्म पंजीकरण का प्रमाणपत्र देना होगा।
    5. अगर भारतीय नागरिकता पंजीकरण या प्राकृतिकरण से मिली है तो नागरिकता पंजीकरण का प्रमाणपत्र लगाना होगा।

    मतदाताओं के मिलने पर कर रहे मदद

    कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है एसआइआर का काम शत-प्रतिशत पूरा हो गया है। जो मतदाता नहीं मिले हैं उनका पता लगवाया जा रहा है। मतदाताओं को घबराने की आवश्यकता नहीं हैं, उनके पास यदि सूचना पत्र आता है तो वह अपने क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क कर बताए गए प्रमाण पत्रों में एक दस्तावेज देकर पत्रक जमा कर सकते हैं।