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    World Cup Champion क्रांति का गृहनगर में भव्य स्वागत, दोस्तों संग जमकर नाचीं, उस माटी को चूमा जहां पहली बार खेला क्रिकेट

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 12:37 PM (IST)

    भोपाल में सम्मानित होने के बाद क्रांति गौड़ का गृह नगर में भव्य स्वागत हुआ। लोगों ने फूल बरसाए और भारत माता की जय के नारे लगाए। कलेक्टर ने उन्हें सम्मानित किया। क्रांति ने उस मैदान की मिट्टी को चूमा जहाँ उन्होंने पहली बार क्रिकेट खेला था। घर को फूलों से सजाया गया और खूब मिठाई बांटी गई। क्रांति दोस्तों के साथ ढोल-नगाड़ों पर जमकर नाचीं।

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    गृहनगर पहुंचने पर क्रांति का भ्ज्ञव्य स्वागत किया गया।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सम्मानित होने के बाद क्रांति गौड़ विशेष चार्टर विमान से माता नीलम सिंह और पिता मुन्ना सिंह के साथ खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचीं। वहां से छतरपुर होते हुए जब वे अपने गृहगांव घुवारा पहुंचीं, तो रास्ते भर लोगों ने तिरंगे ओढ़ाए, फूल बरसाए और “भारत माता की जय” के नारे लगाए।

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    क्रांति अब पूरे देश की बेटी

    कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो भेंट कर क्रांति का सम्मान किया। इस दौरान मां नीलम सिंह भावुक होकर बोलीं, “बेटी ने कहा था कि जीतकर आऊंगी — और वह सचमुच जीतकर लौटी है।” पिता मुन्ना सिंह ने कहा, “कठिन समय के बाद यह पल पूरे परिवार के लिए वरदान जैसा है। अब क्रांति सिर्फ हमारी नहीं, पूरे देश की बेटी है।”

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    घर में दीपावली जैसा माहौल

    घुवारा पहुंचने पर क्रांति के घर को फूलों से सजाया गया था। गांव में मिठाई के रूप में 5 क्विंटल से अधिक लड्डू बांटे गए। इस दौरान इलाके के लोग उमड़ पड़े। ढोल-नगाड़ों, आतिशबाजी और फूलों की वर्षा के बीच लोगों ने गौड़ का भव्य स्वागत किया।

    चूम ली वह जमीन, जहां पहली बार थामा बल्ला-गेंद

    जैसे ही वह गांव पहुंचीं, क्रांति सबसे पहले उस मैदान पर गईं, जहां उन्होंने पहली बार क्रिकेट खेला था — उन्होंने उस मिट्टी को माथा टेककर चूमा और कहा कि यहीं से मेरा सपना शुरू हुआ था। इस मिट्टी को प्रणाम करती हूं।
    इसके बाद क्रांति कार की छत पर बैठकर लोगों का अभिवादन करती रहीं और ढोल-नगाड़ों की थाप पर दोस्तों संग जमकर नाचीं।

    दोस्तों संग जमकर नाचीं

    इस खास मौके पर उनके दोस्त डीजे पर झूमते हुए दिखे। वहीं क्रांति भी इस दौरान अपने आप को रोक नहीं पाई और ढोल-नगाड़ों पर खूब नाची। घुवारा आने से पहले वह चौपरिया सरकार मंदिर में भी पहुंचीं और हनुमान जी के दर्शन किए।