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    ग्वालियर में बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार, फर्जी आधार-पैन कार्ड बरामद, ऐसे खुली असलियत

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:31 PM (IST)

    ग्वालियर में पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी पहचान के साथ रह रही थी। 'अंजलि चौधरी' के रूप में पहचानी गई इस महिला के पास से नकली आधार और पैन कार्ड बरामद हुए। जांच में पता चला कि उसका असली नाम डाली अख्तर है और वह ढाका की रहने वाली है। वह एक दलाल की मदद से भारत में अवैध रूप से दाखिल हुई थी और ग्वालियर में एक स्पा सेंटर में काम कर रही थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    महिला गिरफ्तार (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मप्र के ग्वालियर शहर में फर्जी पहचान बनाकर रह रही एक बांग्लादेशी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई महिला खुद को ‘अंजलि चौधरी’ बता रही थी और उसके पास से फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड बरामद हुए हैं। लेकिन जांच में उसका असली नाम डाली अख्तर, निवासी ढाका (बांग्लादेश) निकला है।

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    मोबाइल से खुला राज

    महिला ग्वालियर में एक स्पा सेंटर में काम कर रही थी और पिछले एक साल से अधिक समय से यहां रह रही थी। पुलिस ने बताया कि उसके मोबाइल में बांग्लादेशी पासपोर्ट का फोटो मिला, जिससे उसकी असली पहचान सामने आई।

    दलाल ने कराई घुसपैठ

    पूछताछ में डाली ने कबूला कि वह ढाका के एक दलाल की मदद से भारत में अवैध रूप से दाखिल हुई थी। दलाल ने उसे नदी पार कराकर बंगाल की सीमा से भारत में प्रवेश दिलाया था। जुलाई 2024 में वह दिल्ली पहुंची और वहां से ग्वालियर के एक झोलाछाप डॉक्टर के संपर्क में आई। उसी ने उसे यहां बुलाया और रहने की व्यवस्था कराई।

    पुलिस अब उस झोलाछाप डॉक्टर की तलाश कर रही है, जिसने डाली को ग्वालियर बुलाया था। पूछताछ में महिला ने यह भी खुलासा किया कि उसकी एक सहेली ‘लकी’ भी उसके साथ भारत आई थी। फिलहाल पुलिस लकी की लोकेशन ट्रेस कर रही है।

    यह भी पढ़ें- ग्वालियर में बांग्लादेशी युवती गिरफ्तार, मोबाइल में मिले संदिग्ध नंबर व चैट रिकॉर्ड

    घुसपैठियों को भेजेंगे वापस

    गौरतलब है कि हाल ही में ग्वालियर में एक बांग्लादेशी परिवार समेत 15 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे, जिनमें से 9 लोगों को 15 नवंबर को हावड़ा (बंगाल) के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाएगा। बाकी की वापसी की प्रक्रिया जारी है।

    पुलिस का कहना है कि महिला द्वारा इस्तेमाल किए गए आधार और पैन कार्ड की सत्यता की जांच की जा रही है। संभावना है कि दस्तावेज किसी असली भारतीय नागरिक के नाम पर बनवाए गए हों।