Agniveers: भर्ती से पहले अग्निवीरों का होगा मनोवैज्ञानिक टेस्ट, परखी जाएगी तनाव झेलने की क्षमता
जवानों में तनाव की स्थिति पर व्यापक मंथन के बाद भारतीय सेना ने तय किया गया है कि भर्ती से पहले ही बौद्धिक स्तर और तनाव झेलने की क्षमता की परख कर ली जाए। अग्निवीरों की भर्ती में इस व्यवस्था को लागू भी किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना की दिल्ली स्थित इकाई- रक्षा मनोवैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान (डीआइपीआर) को सौंपी गई है।

अमित मिश्रा, ग्वालियर। जवानों में तनाव की स्थिति पर व्यापक मंथन के बाद भारतीय सेना ने तय किया गया है कि भर्ती से पहले ही बौद्धिक स्तर और तनाव झेलने की क्षमता की परख कर ली जाए। अग्निवीरों की भर्ती में इस व्यवस्था को लागू भी किया जा रहा है।
रक्षा मनोवैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान को दी जिम्मेदारी
इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना की दिल्ली स्थित इकाई- रक्षा मनोवैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान (डीआइपीआर) को सौंपी गई है।
मनोवैज्ञानिक टेस्ट के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया
डीआइपीआर की टीम द्वारा अग्निपथ भर्ती में शारीरिक परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के 15 मिनट के मनोवैज्ञानिक टेस्ट के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। अब इससे परीक्षण शुरू किया जाएगा।
ग्वालियर स्थित सेना भर्ती कार्यालय द्वारा अग्निपथ भर्ती के लिए ग्वालियर चंबल और बुंदेलखंड के जिलों के अभ्यर्थियों की शारीरिक परीक्षा अगस्त में शिवपुरी में होगी। शारीरिक परीक्षा में दौड़ के तुरंत बाद 15 मिनट के ऑनलाइन टेस्ट के लिए अभ्यर्थियों को मोबाइल पर लिंक मिलेगी। उन्हें इसमें पूछे गए सवाल हल करने होंगे।
दौड़ में सफल अभ्यर्थियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण होगा
इसमें असफल अभ्यर्थी सेना में नहीं जा सकेंगे। शारीरिक परीक्षा में 1600 मीटर दौड़, चिन अप, ऊंची कूद, लंबी कूद, जिग-जैग राउंड होते हैं। पहला चरण दौड़ का ही होता है। दौड़ में सफल अभ्यर्थियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण होगा। जो उत्तीर्ण होंगे, उन्हीं अभ्यर्थियों को आगे मौका मिलेगा।
मनोवैज्ञानिक परीक्षण का फॉर्मेट अधिकारियों से अलग
सेना में पहले सिर्फ अधिकारियों का ही होता था मनोवैज्ञानिक परीक्षण: सेना के अधिकारियों के मुताबिक, इससे पहले जेसीओ से लेकर एनडीए, सीडीएस के जरिये सेना में जाने वाले अधिकारियों का ही मनोवैज्ञानिक परीक्षण होता था। यह साक्षात्कार का ही हिस्सा होता है। हालांकि, अग्निवीर के मनोवैज्ञानिक परीक्षण का फॉर्मेट अधिकारियों से अलग है।
अग्निपथ की परीक्षा के लिए आने वाले अभ्यर्थियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया जाएगा। उनका बौद्धिक स्तर और तनाव झेलने की क्षमता जानने के लिए यह परीक्षण जरूरी है। कई बार सैनिकों को तनाव का सामना करना पड़ता है, इसलिए यह परीक्षण होगा। -कर्नल पंकज कुमार, निदेशक, सेना भर्ती कार्यालय, ग्वालियर
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