Project Cheetah: गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की तैयारी, कूनो नेशनल पार्क से प्रशिक्षित स्टाफ की मांग
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को चीतों का घर बनाने के बाद अब मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की तैयारी है। इसके लिए कूनो नेशनल ...और पढ़ें

वरुण शर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को चीतों का घर बनाने के बाद अब मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की तैयारी है। इसके लिए कूनो नेशनल पार्क से प्रशिक्षित स्टाफ की मांग की गई है। इसके लिए कूनो में पत्र भी पहुंचा है, लेकिन अभी तक कूनो में पदस्थ स्टाफ ने सहमति नहीं दी है।
बताया जा रहा है कि कूनो से गांधीसागर जाने के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं है। हालांकि, कूनो से कुछ वाहन गांधीसागर अभयारण्य जरूर भेजे गए हैं। दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाए जाने हैं, जिन्हें गांधीसागर अभयारण्य में रखा जाएगा।
अबतक कितने चीते लाए गए?
इससे पहले नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। यहां दो मादा चीतों ने शावकों को भी जन्म दिया। इसमें से तीन शावकों समेत 10 चीतों की मौत हो चुकी है, चूंकि दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाए जाने हैं, इस कारण उनके लिए गांधीसागर अभयारण्य में नया रहवास तैयार किया गया है।
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कूनो में मौजूद चीता ट्रैकिंग टीम में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती है। चीता ट्रैकिंग टीमों ने काफी अनुभव प्राप्त कर लिया है। यही कारण है कि अब गांधीसागर अभयारण्य में प्रशिक्षित स्टाफ की मांग की गई है। कूनो नेशनल पार्क से वाहन संसाधन भी गांधीसागर अभयारण्य भेजे गए हैं।
गांधीसागर भेजी जा रही हैं मोटरसाइकिलें
कूनो में कारपोरेट-सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) फंड से मोटरसाइकिलें आईं थीं, जिनमें से कुछ मोटरसाइकिलें गांधीसागर भी भेजी जा रही हैं। कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन का कहना है कि गांधीसागर अभयारण्य प्रबंधन से ट्रेंड स्टाफ के लिए पत्र आया है। इस संबंध में कोई भी फैसला चीता स्टीयरिंग कमेटी लेगी।

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