UPSC Result 2024: सिविल सेवा परीक्षा में ग्वालियर का लहराया परचम, आयुषी बंसल ने 7वीं तो माधव ने हासिल की 16वीं रैंक
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 का परिणाम घोषित ग्वालियर की आयुषि बंसल ने सातवीं रैंक हासिल कर शहर का नाम रोशन किया। वहीं माधव अग्रवाल ने 16वीं रैंक हासिल की। आयुषि ने तीसरे प्रयास में परीक्षा पास की जबकि माधव ने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। दोनों ही प्रतिभाशाली युवाओं ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत लगन और समर्पण को दिया।

जेएनएन, ग्वालियर। यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल परिणाम जारी कर दिया। इस बार शहर के युवाओं ने अच्छी रैंक लाकर देश में ग्वालियर का नाम रोशन किया। शहर की आयुषि बंसल ने सातवीं रैंक हासिल कर मान बढ़ाया। वहीं, माधव अग्रवाल की 16वीं रैंक रही।
आयुषी बंसल ने तीसरी अटेम्प्ट में क्रैक की परीक्षा
आयुषी बंसल ने इस परीक्षा में सातवीं रैंक हासिल की है। आयुषी ने बताया कि यह मेरा तीसरा अटेम्प्ट था। 2022 में मेरी 188 रैंक आई थी, जिसमें मैं आईपीएस बनी। पिछले साल 97वीं रैंक आई, जिसकी ट्रेनिंग अभी हैदराबाद में चल रही है। यूपीएससी 2024 में मैंने सातवीं रैंक हासिल की है।
उन्होंने बताया कि इस बार तीनों चरणों की तैयारी मैंने पूर्व में बनाए नोट्स और प्रीवियस ईयर के पेपर से की। लेटेस्ट अपडेट देखती रही। इन दिनों मेरी ट्रेनिंग भी चल रही थी। तैयारी के दौरान दिन में मैं ट्रेनिंग करती और रात नौ बजे से पढ़ना शुरू कर देती थी।
मां की संघर्ष से ली प्रेरणा
सुबह पांच बजे उठकर फिर ट्रेनिंग के लिए भागना पड़ता था। वह समय बड़ा संघर्ष भरा रहा। तैयारी के दौरान समाचार पत्र पढ़ती थी, जिससे ज्वलंत मुद्दे संज्ञान में रहे और जनरल नालेज भी मजबूत हुई। पूर्व में मनमाफिक रैंक न मिलने से निराश नहीं हुई। छोटी उम्र में पिता के न रहने और मां के संघर्ष को याद किया और उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ती गई। आईएएस बनकर बच्चों और महिलाओं के लिए काम करना था, जो अब मैं करूंगी।
माधव अग्रवाल ने हासिल की 16वीं रैंक
ग्वालियर के माधव अग्रवाल ने इस परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने रिजल्ट के बाद बताया कि पिछली बार यूपीएससी में मेरी 211वीं रैंक थी। इसके बाद मैं हैदराबाद ट्रेनिंग के लिए चला गया, लेकिन कहीं न कहीं मन में कसक थी कि मुझे आईएएस बनना है। इस पर मैंने पापा (राकेश अग्रवाल) की परमिशन ली और एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी। मेरी ट्रेनिंग का भी बहुत टाइट शेड्यूल था। दिनभर प्रशिक्षण के बाद रात में चार से पांच घंटे पढ़ाई करता था। आंखों में नींद भरी होती थी, लेकिन मैंने परवाह नहीं की।
माधव ने बताया कि पढ़ाई के दौरान मैंने उन गलतियों को रीकाल किया, जो मैं करता था। उन्हें अपनी ताकत बनाया और सफलता पाई। यह मेरा तीसरा इंटरव्यू और चौथा प्रयास था। तैयारी के समय मैं समाचार पत्र निरंतर पढ़ता रहा। क्योंकि उससे ढेर सारी ज्वलंत मुद्दों की जानकारी मिल जाती थी, जो किताबों से संभव नहीं थी। इसके पूर्व पापा को कैंसर हुआ जिसके बाद वो ठीक हो गए, उनके संघर्ष को याद किया और मोटिवेट होकर आगे की तैयारी जारी रखी। अब मेरा लक्ष्य उन जरूरतमंदों के लिए काम करना है, जिन्हें उनका अधिकार नहीं मिल पाता।
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