MP का ‘श्रेष्ठ थाना’ विवादों में! देश में नौवां स्थान पाने वाला मल्हारगढ़ थाना अब फर्जी केस के आरोपों से घिरा, पुलिस की कराई बदनामी
मल्हारगढ़ थाना एनडीपीएस एक्ट के एक प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई के चलते चर्चा में है। पुलिस का दावा है कि आरोपित सोहनलाल गिरफ्तारी से पहले 50 दिनों ...और पढ़ें

मल्हारगढ़ थाना।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहां पहले मल्हारगढ़ थाना देश में नवें स्थान को लेकर मध्य प्रदेश सहित सभी चर्चा में बना हुआ था। अब वहीं थाना हाईकोर्ट में एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण की सुनवाई में देश भर में चर्चा में बना हुआ है। आरोपित पक्ष जहां फर्जी केस बनाने की बात कर रहा था हालांकि इसके बाद एसपी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा था कि केस फर्जी नहीं है।
प्रक्रियागत गलतियों के लिए छह पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का बुधवार शाम तक इंतजार करते रहे। इधर पुलिस भी अब तकनीकी साक्ष्य जुटाकर मामले को मजबूत करने में लगी है। आरोपित के मोबाइल की सीडीआर की भी जानकारी निकाली गई है जिसमें वह गिरफ्तारी से पहले नो बार मंदसौर-मल्हारगढ़ क्षेत्र में आ चुका था और एक बार भी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के दर्शन करने नहीं गया था।
मल्हारगढ़ पुलिस द्वारा 29 अगस्त को गिरफ्तार किए गए सोहनलाल से ढाई किलो अफीम जब्त की गई थी और उसके साथ ही अफीम देने वाले चंद्रशेखर पुत्र कालूराम पाटीदार निवासी गोगरपुरा व अफीम पाने वाले विकास पुत्र बोहराराम चौधरी निवासी जोधपुर पर भी प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में हाईकोर्ट में पुलिस पर फर्जी केस बनाने के आरोपों के बीच बस के सीसीटीवी फूटेज भी पेश किए गए थे जिसमें पुलिसकर्मी सोहनलाल को नीचे उतारते दिख रहे हैं पर उसके पास बेग नहीं दिख रहा था।
इस पर अगली सुनवाई में एसपी विनोद कुमार मीना ने भी कोर्ट में सीसीटीवी फूटेज पेश किए जिसमें सोहनलाल काला बेग पीठ पर टांगे दिख रहा है और वहीं बैग बस में भी उसकी पीठ पर था। पुलिस द्वारा पेश किए गए सीसीटीवी फूटेज में सोहनलाल चंद्रशेखर पाटीदार के साथ दिख रहा है और मंदसौर मंडी क्षेत्र में उसने चंद्रशेखर से अफीम भी ली थी।
दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए सबूतों के बाद मंगलवार को हाईकोर्ट जस्टिस सुबोध अभयंकर ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को भी आदेश अपलोड नहीं हुआ। सभी उसका इंतजार ही करते रहे।
एक बार भी नहीं गया पशुपतिनाथ मंदिर
पुलिस की जांच में आरोपित सोहनलाल की तकनीकी कनेक्टिविटी भी बताई गई है। उसके मोबाइल नंबर की सीडीआर भी केस डायरी में लगाई गई है। इसमें वह 12 जुलाई से 29 अगस्त तक 50 दिन में 9 बार मंदसौर-मल्हारगढ़ क्षेत्र में आया था। हालांकि आरोपित के स्वजनों का कहना था कि वह मासूम है और मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर आया था। पर पुलिस का कहना था कि सीडीआर के मुताबिक वह कभी भी पशुपतिनाथ मंदिर तरफ गया ही नहीं है।
यदि सोहनलाल पशुपतिनाथ मंदिर घूमने आता तो उसकी 50 दिन की सीडीआर में एक बार तो पशुपतिनाथ मंदिर या इसके आसपास की लोकेशन मिलती।
52 बार बात की
तस्कर विकास चौधरी से आरोपित सोहनलाल ने अपने मोबाइल से ही 50 दिन में 52 बार तस्कर विकास पुत्र बोहराराम चौधरी निवासी जोधपुर से बात की थी। विकास चौधरी पर थाना मल्हारगढ़ में ही एनडीपीएस एक्ट के तहत दो अपराध पंजीबद्ध है। शासकीय कृषि उपज मंडी के सीसीटीवी फुटेज में सोहनलाल बैग टांगकर मंडी के अंदर जा रहा है उसके साथ नीली शर्ट में चंद्रप्रकाश पाटीदार निवासी गोगरपुरा थैली में अफीम लाया था और सोहनलाल को देकर चला गया था।
सोहनलाल को अफीम लेने हेतु भेजने वाले आरोपित विकास तथा देने वाले आरोपित चंद्रप्रकाश पाटीदार पर पहले से ही मादक पदार्थ तस्करी के दो-दो प्रकरण दर्ज है। सोहनलाल दोनों आरोपियों के संपर्क में था। चंद्रप्रकाश पर 2022 में भी राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के छोटी सादड़ी थाने में 5.500 किमी अफीम तस्कारी के संबंध में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/18, 29 के तहत केस दर्ज है।
मजबूद तकनीकी साक्ष्य है पुलिस के पास -पुलिस ने फर्जी केस नहीं बनाया है। प्रक्रियागत गलतियों के लिए छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच प्रारंभ कर दी है।
एसपी, विनोद कुमार मीना का कहना है कि पुलिस के पास पर्याप्त तकनीकी साक्ष्य है आरोपित सोहनलाल पकड़ाने से पहले 50 दिन में 9 बार मंदसौर क्षेत्र में आ चुका है। जिसे अफीम देने वाला था उसके खिलाफ पहले से मादक पदार्थ तस्करी के प्रकरण दर्ज है। और 52 बाद उससे सोहनलाल ने बात की है। सीसीटीवी फूटेज में वह चंद्रप्रकाश पाटीदार के साथ भी दिखा है।

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