मप्र-महाराष्ट्र बॉर्डर पर ट्रक चालकों के लिए खतरा बढ़ा, फर्जी पुलिस बनकर लूट रहे बदमाश
इंदौर के पास एमपी-महाराष्ट्र बॉर्डर पर नकली पुलिसकर्मियों का गिरोह सक्रिय है, जो ट्रक चालकों को अगवा कर लूट रहा है। बदमाश शराब और ड्रग्स की झूठी कहानी बनाकर ट्रांसपोर्टरों को फंसाते हैं और ट्रक समेत कीमती माल लूट लेते हैं। जलगांव, नासिक और धुलिया में मामले दर्ज हुए हैं, जिससे चालकों में डर का माहौल है।

रात में ट्रक चालकों के लिए खतरा बढ़ा (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। एमपी–महाराष्ट्र बॉर्डर इन दिनों नकली पुलिसकर्मी बनकर ट्रक चालकों को अगवा करने और माल लूटने वाले गिरोह का नया अड्डा बन गया है। ट्रांसपोर्टरों को आरोपित शराब–ड्रग्स की झूठी कहानी सुनाकर फंसाते हैं और ट्रक समेत कीमती माल उड़ा ले जाते हैं। कारोबारियों ने जलगांव, नासिक और धुलिया में एफआइआर दर्ज कराई है। इन घटनाओं से ड्राइवर और हेल्पर में दहशत फैल गई है।
ड्राइवर-हेल्पर को कार में बैठाकर ट्रक से माल ले उड़े
आसेगांव (बुलढाणा) निवासी ट्रक ड्राइवर सोहेल वाहिद खान अपने हेल्पर इरशाद के साथ इंदौर से परचून का महंगा माल लेकर निकला था। जैसे ही ट्रक बुरहानपुर–जामोद रोड पहुंचा, कार सवार बदमाशों ने ओवरटेक कर ट्रक रोक लिया। खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर बोले— “ट्रक में नकली शराब है, जांच कर रहे हैं।”
बदमाश ड्राइवर व हेल्पर को कार में बैठाकर करीब 100 किमी दूर ले गए और इसी बीच ट्रक से कीमती माल खाली कर फरार हो गए। ट्रक में फुटवेयर, मिठाई, मेडिकल और स्पेयर पार्ट्स कंपनियों का भारी माल भरा हुआ था।
कार में बदलने लायक कई नंबर प्लेटें
हेल्पर इरशाद ने बताया कि आरोपितों की कार में कई नंबर प्लेटें पड़ी थीं। वे बार-बार एक नंबर पर फोन कर ड्राइवर को “छोड़ने” की बात कर रहे थे। यह नंबर अभिषेक पाटिल नामक व्यक्ति का निकला, जो खुद को शिवसेना से जुड़ा बताकर थाने पहुंचा और कथित रूप से समझौते का दबाव बनाने लगा। बुलढाणा थाना पुलिस जांच में जुटी है।
ट्रांसपोर्टर बोले— सेंधवा से ही पीछे लग जाते हैं
ट्रांसपोर्टर विक्की का दावा है कि बदमाश सेंधवा से ही ट्रकों को टारगेट कर पीछा करना शुरू कर देते हैं।
- 2 नवंबर को नेमावर निवासी चालक फैयाज रजाक खान से सफेद कार सवार बदमाशों ने नागपुर–मुंबई लेन पर माल लूट लिया।
- 16 नवंबर को मंगेश सुनील पाटिल के साथ धुलिया में इसी तरह की वारदात हुई।
लगातार हो रही घटनाओं से ट्रांसपोर्टरों में भय व्याप्त है।

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