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    'देश में कई समस्याएं, देशभक्त बनें', गाजा नरसंहार मामले पर HC की CPM को नसीहत

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 05:17 PM (IST)

    विपक्षी दल अक्सर देश के मुद्दों पर सरकार को घेरते हैं लेकिन सीपीएम ने गाजा में इजरायल के कथित नरसंहार के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया। बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने पर भी कोर्ट ने इजाजत नहीं दी। कोर्ट ने सीपीएम को नसीहत देते हुए कहा कि भारत के मुद्दों पर ध्यान दें। अदालत ने कहा कि गाजा की बजाय भारत में प्रदूषण जैसे मुद्दे उठाएं।

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    गाजा में हो रहे कथित नरसिंहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए सीपीएम ने मांगी हाईकोर्ट से इजाजत। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर विपक्षी दल देश के मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विरोध प्रदर्शन करते हैं। लेकिन सीपीएम ने गाजा में इजरायल की ओर से किए जा रहे कथित नरसंहार के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला।

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    विरोध प्रदर्शन करने के लिए पार्टी बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की। हालांकि, कोर्ट ने पार्टी को विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी।

    इसके अलावा कोर्ट ने पार्टी को नसीहत भी दे डाली। कोर्ट ने कहा कि हजारों मील दूर के किसी मसले की बजाय भारत के किसी मुद्दे पर ध्यान दें।

    बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीपीएम ने मांग की थी कि उसे आजाद मैदान पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाए, जिससे मुंबई पुलिस ने इनकार कर दिया है। जस्टिस रवींद्र घुगे और गौतम अखंड की बेंच ने याचिकाकर्ता की अर्जी को खारिज कर दिया।  

    'आप जो कर रहे हैं वो देशभक्ति नहीं'

    अदालत ने कहा कि हमारे ही देश में तमाम मुद्दे हैं, लेकिन आप लोगों का ध्यान उनपर नहीं है। मैं माफी चाहूंगा, लेकिन यह सही है कि आप लोगों की दूरदृष्टि नहीं है। आप लोग गाजा के मुद्दों को देखने की जगह अपने देश के मुद्दों को उठाएं। देशभक्त बनें। आप जो कर रहे हैं वो देशभक्ति नहीं है।

    अदालत ने कहा कि आपकी पार्टी गाजा की बजाय भारत में प्रदूषण, बाढ़, नाला, कूड़ा डंपिंग जैसे मुद्दों को उठा सकती है। ये ऐसे मुद्दें हो जिनसे आम लोग प्रभावित हैं।

    अदालत ने आगे सीपीएम को फटकार लगाते हुए कहा कि आप एक रजिस्टर्ड पार्टी हैं। आपको समझ नहीं आ रहा कि ऐसे मुद्दे उठाने से देश की विदेश नीति पर क्या असर पड़ेगा।

    सीपीएम के वकील ने क्या कहा?

    कोर्ट में सीपीएम का पक्ष रखते हुए वकील मिहिर देसाई ने कहा कि पुलिस ने विदेश नीति और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी। यह किसी भी राजनीतिक दल का अधिकार है कि वो वह प्रदर्शन कर सके। वकील के दलील पर महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि हमें यह जानकारी मिली थी कि इस प्रदर्शन के दौरान कुछ परेशानी खड़ी हो सकती है।  

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