नासिक में बैठकर अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को ठगनेवाले फर्जी कॉले सेंटर का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के नासिक के इगतपुरी (रेनफॉरेस्ट रिसॉर्ट) में किराए के परिसर में कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे एक अवैध कॉल सेंटर रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई को मौके से करोड़ों की नकदी और सोना मिला। सीबीआई ने जांच में बैंक अधिकारियों की भी मिलीभगत पाई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीआई ने नासिक से फर्जी ग्लोबल कॉले सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से एक करोड़ रुपये की लग्जरी कार, 71 मोबाइल फोन, 44 लैपटाप, 1.20 करोड़ की नकदी और 500 ग्राम सोना बरामद किया गया है। ये अवैध इंटरनेशनल कॉले सेंटर एक रिजार्ट से संचालित किया जा रहा था।
बैंक अधिकारी भी शामिल
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इगतपुरी इलाके में रेनफारेस्ट रिजार्ट में अवैध कॉले सेंटर संचालित होने की सूचना मिली थी। इस मामले में छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें बैंक अधिकारी भी शामिल हैं।
भ्रामक कॉले के जरिये वित्तीय धोखाधड़ी
इन पर आरोप है कि ये अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से साइबर ठगी करते थे। एफआईआर के मुताबिक, आरोपितों ने एक-दूसरे और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचा और अमेजन सपोर्ट सर्विसेज कॉल सेंटर के रूप में एक अवैध कॉल सेंटर सेफिशिंग या भ्रामक कॉले के जरिये वित्तीय धोखाधड़ी की।
क्रिप्टोकरेंसी का झांसा देकर ठगी
गिरफ्तार किए गए आरोपितों में विशाल यादव, शहबाज, दुर्गेश, अभय राज और समीर उर्फ सोहेल शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक ये लोग निर्दोष लोगों को अपने जाल में फंसाकर गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी का झांसा देकर उनसे भारी रकम ऐंठते थे। कॉले सेंटर में 60 ऑपरेटर काम करते थे।
विदेशी नागरिकों से ठगी
मौके से 5 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी और 1.26 लाख रुपये के गिफ्ट वाउचर भी बरामद किए गए हैं। छापे के दौरान 62 कर्मचारी वहां काम करते हुए पाए गए। इस दौरान विदेशी नागरिकों से ठगी की प्रक्रिया भी चल रही थी। सीबीआइ जांचकर्ता लैपटाप और मोबाइल से मिले डाटा का विश्लेषण कर रहे हैं।
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