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    Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 मिशन के लिए भारत को दिया जाएगा 'वर्ल्ड स्पेस अवॉर्ड', इटली में 14 अक्टूबर को उद्घाटन समारोह

    Updated: Sun, 21 Jul 2024 11:16 PM (IST)

    चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर इतिहास बनाने और दुनिया भर में भारत का परचम लहराने वाले चंद्रयान-3 को विश्व अंतरिक्ष सम्मान से नवाजा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष महासंघ ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। चंद्रयान-3 को यह पुरस्कार 14 अक्टूबर को इटली के मिलान में होने वाले 75वें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री सम्मेलन के दौरान दिया जाएगा।

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    चंद्रयान-3 ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला दुनिया का पहला देश बना दिया था।

    ऑनलाइन डेस्क, मुंबई। चंद्रयान-3 ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला दुनिया का पहला देश बना दिया था। अब इस मिशन को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। चंद्रयान-3 मिशन को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष महासंघ द्वारा विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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    एक साल बाद दिया जा रहा सम्मान

    भारत के अलावा, केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उपलब्धि हासिल की है। पुरस्कार समारोह 14 अक्टूबर को इटली के मिलान में 75वें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान निर्धारित किया गया है, जो 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के एक साल से अधिक समय बाद होगा।

    महासंघ ने गुरुवार को कहा, "इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मिशन वैज्ञानिक जिज्ञासा और लागत प्रभावी इंजीनियरिंग के तालमेल का उदाहरण है। यह उत्कृष्टता के लिए भारत की प्रतिबद्धता और अंतरिक्ष अन्वेषण द्वारा मानवता को प्रदान की जाने वाली विशाल क्षमता का प्रतीक है। चंद्रमा की संरचना और भूविज्ञान के पहले से अनदेखे पहलुओं को तेजी से उजागर करते हुए यह मिशन नवाचार के लिए एक वैश्विक वसीयतनामा है।"

    पहली वर्षगांठ पर कई कार्यक्रमों की योजना

    चंद्रयान-3 की कई उपलब्धियों में से एक भारत के अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्रों का सफल समन्वय था। इसमें मिशन का प्रणोदन मॉड्यूल परमाणु प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित था। चंद्रयान-3 की लैंडिंग की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए देश भर में कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।