ईरान संघर्ष के बीच कई कंपनियों ने रोकी भर्ती, जा सकती है लाखों लोगों की नौकरी; जानिए पूरा मामला
एक सर्वे के मुताबिक, 63 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि या तो उन्होंने भर्ती रोक दी है या वे टीमों का आकार घटा रही हैं। 21 प्रतिशत से अधिक ने कहा कि कार्यभार का दबाव और परियोजना समयसीमा में वृद्धि हुई है, जबकि 22 प्रतिशत ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार या यात्रा बाधित हुई है।

2,006 कर्मचारियों के बीच एक ऑनलाइन सर्वे पर आधारित है रिपोर्ट (फोटो: पीटीआई)
पीटीआई, मुंबई। पश्चिम एशिया में ईरान-इजरायल युद्ध और भू-राजनीतिक तनाव के चलते कई भारतीय कंपनियों ने कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी है। स्टाफिंग सॉल्यूशंस और एचआर सेवा प्रदाता जीनियस कंसल्टेंट्स द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, 63 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि या तो उन्होंने भर्ती रोक दी है या वे टीमों का आकार घटा रही हैं।
वहीं 15 प्रतिशत कंपनियां अनुबंध आधारित और फ्रीलांस कर्मचारियों को रखने पर विचार कर रही हैं। यह रिपोर्ट 12 मई से छह जून के दौरान देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के 2,006 कर्मचारियों के बीच एक ऑनलाइन सर्वे पर आधारित है।
30 फीसदी कर्मचारी चिंतित
सर्वे में शामिल 36 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि भू-राजनीतिक अस्थिरता के मद्देनजर उनकी वेतन वृद्धि, बोनस या मूल्यांकन प्रभावित हुए हैं। 21 प्रतिशत से अधिक ने कहा कि कार्यभार का दबाव और परियोजना समयसीमा में वृद्धि हुई है, जबकि 22 प्रतिशत ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार या यात्रा बाधित हुई है।
21 प्रतिशत ने कहा कि टीम का मनोबल और नौकरी को लेकर आत्मविश्वास कम हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि 30 प्रतिशत कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि वे बेहद चिंतित हैं और पहले से ही चेतावनी के शुरुआती संकेत देख रहे हैं, जबकि 26 प्रतिशत ने खुद को थोड़ा चिंतित बताया।
कंपनी के प्रबंध निदेशक आरपी यादव ने कहा, 'यह सर्वे हमारे वर्तमान समय का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है। नियोक्ता को पारदर्शी और अनुकूल बने रहना चाहिए जबकि कर्मचारियों को आगे की राह के लिए लचीला, चुस्त और तैयार रहना चाहिए।'
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