'सदन में ऑनलाइन गेम खेलना...', विधानसभा में सहयोगी दलों की हरकतों पर CM फडणवीस ने जताई नाराजगी
महाराष्ट्र में सहयोगी दलों के मंत्रियों के विवादों में आने से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। राकांपा मंत्री माणिकराव कोकाटे के रमी खेलने और किसानों को भिखारी कहने जैसे कृत्यों से फडणवीस को शर्मिंदगी हुई। सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट भी विवादों में रहे। अन्य मंत्रियों और विधायकों के व्यवहार से फडणवीस को सार्वजनिक रूप से फटकार लगानी पड़ी।

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र में चल रही साझे की सरकार में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए नई-नई मुसीबतें खड़ी होती दिख रही हैं। सहयोगी दलों के मंत्रियों के अलग-अलग कारणों से विवाद में आने से विपक्षी दलों को सीधे फडणवीस पर हमला करने का मौका मिल रहा है। इसके कारण उन्हें अक्सर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
मोबाइल पर रमी खेलते दिखाई दे रहे मंत्री
पिछले दिनों राकांपा (अजीत पवार) कोटे से कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे के बयानों एवं कृत्यों के कारण फडणवीस को शर्मसार होना पड़ा है। पहले कोकाटे का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह विधानसभा में बैठकर अपने मोबाइल पर रमी खेलते दिखाई दे रहे हैं। उसके बाद उन्होंने अपने एक बयान में राज्य सरकार को ‘भिखारी’ कहकर शर्मसार करने का काम किया है।
मंत्री की हरकत पर नाराज हुए सीएम फडणवीस
इन घटनाओं के बाद खुद फडणवीस को यह कहकर कोकाटे की आलोचना करनी पड़ी कि जब राज्य विधानमंडल में एक गंभीर चर्चा चल रही थी, तब एक मंत्री का ताश खेलना अस्वीकार्य है। हमें यह स्वीकार करना होगा कि कोकाटे ने गलत किया है। मंत्रियों या विधायकों को सदन में कागजात और दस्तावेज पढ़ते हुए देखा जाना चाहिए।
सत्र के दौरान एक मंत्री का ऑनलाइन गेम खेलना स्वीकार्य नहीं है, और उनका स्पष्टीकरण भी विश्वसनीय नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब कोकाटे के कारण राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आई हो। राज्य विधानमंडल के बजट सत्र से पहले, कोकाटे को दो दशक से भी ज्यादा पुराने एक मामले में जिला अदालत दो साल की सजा सुना चुकी है।
कोकाटे के बयान पर मचा हंगामा
इसके अलावा इसी साल की शुरुआत में, कोकाटे ने कथित तौर पर किसानों की तुलना भिखारियों से की थी, जिसकी कड़ी आलोचना हुई थी। उन्होंने कहा था कि भिखारी भी एक रुपया भीख नहीं लेता, लेकिन यहां हम एक रुपये में फसल बीमा दे रहे हैं।
मंगलवार को अपने इस बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कोकाटे ने कहा कि सरकार किसानों को एक रुपया नहीं देती, बल्कि उनसे एक रुपया लेती है। सरकार भिखारी है। उनके इस बयान पर फडणवीस को फिर से सार्वजनिक रूप से मंत्री को फटकार लगानी पड़ी थी।
फडणवीस को शर्मिंदा करनेवाले हालात अकेले एक मंत्री के कारण नहीं बने हैं। हाल ही में संपन्न हुए राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पैसों से भरा एक बैग एक तरफ रखकर सिगरेट पीते हुए दिखाई दे रहे थे। फडणवीस को कहना पड़ा कि किसी मंत्री का इस तरह धूम्रपान करते दिखाई देना गलत था।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के शिरसाट अपने बेटे के नाम से एक होटल में निवेश करने के मामले में भी सुर्खियों में आ चुके हैं। आजकल उनका विवाद उन्हीं के विभाग की राज्यमंत्री माधुरी मिसाल के साथ भी सुर्खियों में है। शिंदे गुट के ही गृहराज्यमंत्री योगेश कदम भी इन दिनों अपनी मां के नाम से मुंबई में डांस बार चलाने के कारण सुर्खियों में हैं।
राकांपा कोटे से मंत्री रहे धनंजय मुंडे को भी एक विवाद के कारण ही अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। हाल के मानसून सत्र के दौरान ही भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच खुलेआम हुई मारपीट से भी मुख्यमंत्री को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। फडणवीस उस दिन राज्य विधानसभा में, शायद पहली बार, गुस्से में दिखे, जब उन्होंने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि आठवीं कक्षा के छात्र भी सड़कों पर इस तरह झगड़ा नहीं करते। इस गिरावट की ज़िम्मेदारी सभी विधायकों पर है।
हालांकि धैर्य और दृढ़ता, फडणवीस की राजनीति के दो सबसे बड़े गुण रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि अब अपने सहयोगियों और अपनों के कारण लगातार मिल रही शर्मिंदगी के चलते उनका धैर्य जवाब देने लगा है।
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