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    Maharashtra Local Body Election: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव अगली सूचना तक स्थगित

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Fri, 15 Jul 2022 03:54 PM (IST)

    Maharashtra Local Body Election महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव अगली सूचना तक के लिए स्थगित कर दिए गए। राज्य सरकार ने भी निर्वाचित प्रतिनिधियों के बजाय सीधे लोगों से नगर परिषद नगर पंचायत और ग्राम सरपंचों का चुनाव करने का निर्णय लिया।

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    महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव अगली सूचना तक स्थगित। फाइल फोटो

    मुंबई, मिड डे। महाराष्ट्र में 96 नगर परिषद और पंचायत चुनाव गुरुवार को अगली सूचना तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने भी निर्वाचित प्रतिनिधियों के बजाय सीधे लोगों से नगर परिषद, नगर पंचायत और ग्राम सरपंचों का चुनाव करने का निर्णय लिया है।

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    ओबीसी कोटे पर सुप्रीम कोर्ट में 19 जुलाई को होगी सुनवाई

    राज्य चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि यह फैसला अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को देखते हुए आया है। अगली सुनवाई 19 जुलाई को है। अदालत से ओबीसी के लिए आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर फैसला करने की उम्मीद है।

    एसइसी ने मानी सरकार की इच्छा

    राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव 18 अगस्त को होने थे। पिछले सप्ताह आचार संहिता लागू की गई थी। एसइसी ने कहा कि कोड को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है। ओबीसी कोटा बढ़ने के साथ नई सरकार ने कहा था कि वह एसइसी से उन चुनावों में देरी करने का अनुरोध करेगी, जिनकी घोषणा की गई थी। ऐसा लगता है कि एसइसी ने सरकार की इच्छा को मान लिया है।

    नगर निगम चुनाव में हो सकती है देरी

    एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस सरकार को उनके पार्टी सहयोगियों और अन्य लोगों की ओर से नागरिक वार्डों के पक्षपातपूर्ण परिसीमन के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं। जिन प्रमुख नगर निगमों में चुनाव होने की संभावना है, उनमें वार्डों के पुनर्गठन की मांग की गई है। फिर से निकालने की कवायद अगर शुरू की जाती है, तो इसमें और समय लगेगा और इससे मुंबई सहित निगम चुनावों में और देरी हो सकती है।

    सरकार ने एक प्रावधान को रद करने के एमवीए के फैसले को उलटने के लिए जोर दिया, जिसके तहत नगर परिषद और पंचायत अध्यक्ष और ग्राम सरपंच निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चुने जाते हैं। पूर्ववर्ती भाजपा-शिवसेना सरकार के पास सीधे लोगों से प्रमुखों के चुनाव का प्रावधान था, लेकिन 2019 के बाद चीजें बदल गईं। इसके बाद पिछली योजना लागू होगी। जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। 

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