'मराठी में बोलो, नहीं तो राज ठाकरे आ जाएगा', भाषा विवाद पर छात्रों में चले लाठी-डंडे
महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद के बीच नई मुंबई के एक कॉलेज में छात्रों के समूह ने एक छात्र पर हॉकी से हमला किया। पीड़ित छात्र ने एफआईआर दर्ज कराई है और एक छात्र गिरफ्तार हुआ है। घटना वाशी के मोतीलाल झुनझुनवाला कॉलेज की है जहां व्हाट्सएप पर हिंदी में बात करने पर विवाद हुआ। मनसे ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में इन दिनों चल रहे हिंदी-मराठी विवाद में नई मुंबई के एक कॉलेज में छात्रों के एक समूह ने एक अन्य छात्र पर हॉकी से हमला कर उसकी पिटाई कर दी है। मामले में पीड़ित छात्र की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है, और एक छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है।
घटना नई मुंबई के वाशी स्थित मोतीलाल झुनझुनवाला कॉलेज की है। जहां छात्रों के एक वाट्सएप्प समूह पर हिंदी में बातचीत चल रही थी। तभी एक मराठीभाषी छात्र सूरज पवार ने कहा कि समूह में लिखा कि मराठी में बोलो। नहीं तो राज ठाकरे आ जाएगा। उसकी इस बात पर समूह में बहस शुरू हो गई। अगले दिन सुबह कॉलेज के गेट पर चार लड़कों ने मिलकर 20 वर्षीय सूरज पवार को घेर लिया, और हॉकी स्टिक से उस पर वार करना शुरू कर दिया।
कई छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज
हमले में घायल होने के बाद सूरज पवार ने वाशी पुलिस थाने में चार लड़कों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। वाशी के सहायक पुलिस आयुक्त आदिनाथ बुधवंत के अनुसार आरोपित छात्रों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(1) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
फैजान नाइक नामक एक लड़के की गिरफ्तारी भी हो गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना की सूचना मिलने के बाद राज ठाकरे की पार्टी मनसे के प्रवक्ता गजानन काले ने भी पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर आरोपितों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
गैरमराठी भाषी लोगों को मराठी बोलने पर किया जा रहा मजबूर
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक कक्षाओं में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करने का आदेश जारी करने के बाद से ही महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद गहराता जा रहा है। राज ठाकरे की पार्टी मनसे एवं उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) द्वारा लगातार गैरमराठीभाषियों से मराठी में बात करने पर जोर दिया जा रहा है, और मराठी न बोल पाने पर उनके साथ मारपीट की जा रही है।
इस विवाद में उत्तरभारतीयों के साथ-साथ गुजरातीभाषियों एवं मारवाड़ियों को भी निशाना बनाया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर स्थित काठियावाड़ी ढाबों से भी गुजराती भाषा में लगे बोर्ड हटवाने पर जोर दिया जा रहा है।
फडणवीस सरकार इस मामले में असहाय दिखाई दे रही है। अब वाशी में हुई इस घटना से लग रहा है कि जबरन मराठी बोलने का आग्रह करने पर अन्य भाषाभाषी भी आक्रामक होने लगे हैं।
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