Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    मुंबई पुलिस ने साइबर अपराध गिरोह का किया भंडाफोड़, कहा- 12वीं पास मास्टरमाइंड एक दिन में कमाता था करोड़ों

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Wed, 03 May 2023 02:59 PM (IST)

    मुंबई पुलिस ने पुलिस कर्मी बनकर देश भर के लोगों से पैसे चुराने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोब के सरगना को भी गिरफ्तार किया है। इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी है।

    Hero Image
    मुंबई पुलिस ने साइबर अपराध गिरोह का किया भंडाफोड़

    मुंबई, एजेंसी। मुंबई पुलिस ने पुलिस कर्मी बनकर देश भर के लोगों से पैसे चुराने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोब के सरगना को भी गिरफ्तार किया है, जो 12वीं कक्षा तक पढ़ा है और अपने खातों में प्रतिदिन 5 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन करता था। इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आलीशान होटल से हुआ गिरफ्तार

    अधिकारी ने कहा कि मास्टरमाइंड श्रीनिवास राव दादी (49), जिसे कम शिक्षा के बावजूद तकनीकी ज्ञान है, को बांगुर नगर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने हैदराबाद के एक आलीशान होटल से हिरासत में लिया।

    उन्होंने कहा कि राव के अलावा, पुलिस ने उसके गिरोह के 4 और सदस्यों को भी गिरफ्तार किया, जिनमें दो पड़ोसी ठाणे और 2 कोलकाता से हैं।

    रियल स्टेट चलाने का करता था नाटक

    राव एक रियल एस्टेट व्यवसाय चलाने का नाटक करता था और टेलीग्राम ऐप के माध्यम से ही संवाद करता था। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अब तक राव द्वारा इस्तेमाल किए गए 40 बैंक खातों को सील कर दिया है और उनसे 1.5 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की है।

    अधिकारी ने कहा कि साइबर जालसाजों के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए अधिकारी ने कहा कि राव और उसके साथी पुलिस अधिकारियों के रूप में लोगों को, ज्यादातर महिलाओं को फोन करते थे और उन्हें बताते थे कि उनके द्वारा भेजे गए कूरियर में पुलिस को ड्रग्स या हथियार मिले हैं।

    इसके बाद कॉलर बैंक या आयकर से संबंधित जानकारी मांगेगा और कहेगा कि यह सत्यापित करने के लिए आवश्यक है कि क्या कूरियर उस व्यक्ति का नहीं है जिससे वे बात कर रहे थे।

    एनीडेस्क एप करता था पीड़ित का फोन नियंत्रित

    अधिकारी ने कहा कि पुलिस उपायुक्त (जोन -11) अजय कुमार बंसल ने कहा कि ज्यादातर लोग फोन कॉल से डर जाते हैं और अपने बैंक या IT की जानकारी शेयर कर देते हैं। पीड़ितों ने वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी साझा किया और कुछ मामलों में एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करके जालसाजों को अपने मोबाइल फोन पर नियंत्रण करने की अनुमति भी दे दी।

    मुख्य जानकारी हासिल करने के बाद जालसाज पीड़ित के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते थे। उन्होंने कहा कि साइबर गिरोह ने इस तरीके का इस्तेमाल कर देश भर से हजारों लोगों को अपना निशाना बनाया।

    गिरोह द्वारा चुराया गया सारा पैसा श्रीनिवास राव द्वारा प्रबंधित बैंक खातों में जाता था। अधिकारी ने कहा कि खातों में एक दिन में 5 करोड़ रुपए से 10 करोड़ रुपए का लेनदेन होता था। अधिकारी ने कहा कि राव तब पैसे को क्रिप्टोकरंसी में बदलता देता था और इसे एक चीनी नागरिक को ट्रांसफर कर देता था।

    उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए शहर की पुलिस टीमें दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर हैं और और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।