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    महाराष्ट्र में RSS के जुलूस के दौरान तनाव, अल्पसंख्यक समुदाय ने की नारेबाजी; पुलिस ने दर्ज की दो FIR

    Updated: Sat, 12 Oct 2024 03:19 PM (IST)

    महाराष्ट्र के रत्नागिरी में आरएसएस के पथ संचलन के दौरान नारेबाजी से तनाव पैदा हो गया। पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। अब तक पांच आरोपियों की पहचान हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोपियों को नोटिस भेजा गया है।

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    महाराष्ट्र में आरएसएस के पथ संचलन के दौरान नारेबाजी से तनाव। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, मुंबई। दशहरा से एक दिन पहले महाराष्ट्र के रत्नागिरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जुलूस के दौरान तनाव पैदा हो गया। जानकारी के मुताबिक जुलूस के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर नारेबाजी की। इससे इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया। रत्नागिरी के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक शुक्रवार रात को कोंकण नगर इलाके में यह घटना हुई। इसके बाद पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं।

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    पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब दशहरा उत्सव की पूर्व संध्या पर आरएसएस ने इलाके में पथ संचलन किया तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाए। हालांकि कोई हिंसा नहीं हुई। मगर रात को लोगों की भीड़ थाने में जुट गई। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं

    पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने शिकायतों के आधार पर दो मामले दर्ज किए हैं। पांच आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उन्हें नोटिस जारी कर दिए हैं। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

    भागवत ने विजयादशमी पर क्या कहा?

    नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने हिंदुओं से एक होने की अपील की। भागवत ने बांग्लादेश का उदाहरण दिया और कहा कि पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे। उन्होंने कहा कि जब तक अत्याचार करने की कट्टरपंथी प्रकृति बनी रहेगी तब तक न केवल हिंदू बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में रहेंगे।

    कमजोरी कोई विकल्प नहीं

    संघ प्रमुख ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के हिंदुओं के लिए भी सीख है। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो कुछ हुआ? इसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं और जो लोग चिंतित हैं, वे इस पर चर्चा करेंगे। मगर मूल मुद्दा हिंदुओं के खिलाफ बार-बार हो रहा अत्याचार है।

    भागवत ने आगे कहा कि अगर हम कमजोर हैं तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत है। कमजोरी कोई विकल्प नहीं है।

    बांग्लादेश पर भड़के भागवत

    भागवत ने कहा कि बांग्लादेश में ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि उन्हें पाकिस्तान का साथ देना चाहिए क्योंकि उसके पास परमाणु शक्ति है और उन्हें भारत से खतरा है। उन्होंने कहा कि जिस देश को उसके निर्माण में पूरा समर्थन मिला, वह अब भारत के खिलाफ इस तरह के बयान को बढ़ावा दे रहा है।

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