'बिना बात औरंगजेब कब्र विवाद को मिला तूल...', RSS नेता भैयाजी जोशी बोले- 'जिसकी जहां आस्था, वहीं जाएगा'
आरएसएस नेता सुरेश जोशी ने कहा कि औरंगजेब मकबरे का मामला अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है। उनका ये बयान ऐसे समय पर आया है जब महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र का मुद्दा काफी तेजी से उछल रहा है। इस मामले पर MNS प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

पीटीआई, नागपुर। पिछले कुछ दिनों में औरंगजेब को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भी देखने को मिली। इस बीच पूरे प्रकरण पर आरएसएस का महत्वपूर्ण बयान सामने आया है।
दरअसल, आरएसएस नेता सुरेश जोशी ने कहा कि औरंगजेब मकबरे का मामला अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता ने कहा कि जो भी व्यक्ति आस्था रखता है, वह महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित इस ढांचे के दर्शन करेगा।
MNS ने भी की थी इस मामले की निंदा
ध्यान देने वाली बात है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक जानकारी के लिए कभी भी व्हाट्सएप पर भरोसा ना करें।
राज ठाकरे ने कहा कि मुगल शासक हमेशा शिवाजी नामक विचारों को मारना चाहते थे। हालांकि, वह सफल नहीं हो सके थे। एमएनएस प्रमुख ने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता था।
'जिसकी आस्था होगी वो जाएगा'
MNS प्रमुख राज ठाकरे की टिप्पणियों और मुगल शासक की कब्र के मुद्दे पर पूछे जाने के बारे में आरएसएस नेता सुरेश जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र का विषय अनावश्यक रूप से उठाया गया है। उनकी मृत्यु यहीं (भारत में) हुई थी, इसलिए उनकी कब्र यहीं बनाई गई है। जिनकी आस्था है, वे जाएंगे।
पूर्व आरएसएस महासचिव ने कहा,
हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श (रोल मॉडल) है, उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी। यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है। कब्र बनी रहेगी, जो जाना चाहेगा, जाएगा।
नागपुर में भड़की थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र शिलालेखों वाली चादर को जलाने की अफवाहों के कारण इस महीने की शुरुआत में नागपुर में हिंसा भड़क उठी थी।
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