महाराष्ट्र में प्याज ने NDA की सांसें अटकाई! अजित पवार ने चुनावी शिकस्त और किसानों के बीच बताया हार का कनेक्शन
इस लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में महाराष्ट्र में एनडीए को जोर का झटका लगा है। दूसरी तरफ आईएनडीआईए ने राज्य की 48 में से 30 सीटें अपने नाम करलीं। हार के बाद चल रही बयानबाजियों के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (DCM Ajit Pawar) ने शुक्रवार को महायुति के हार के पीछे के एक कारण को प्याज को माना।
पीटीआई, पुणे। इस लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में महाराष्ट्र में एनडीए को जोर का झटका लगा है। दूसरी तरफ आईएनडीआईए ने राज्य की 48 में से 30 सीटें अपने नाम करलीं। हार के बाद चल रही बयानबाजियों के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (DCM Ajit Pawar) ने शुक्रवार को 'महायुति' के हार के पीछे के एक कारण को प्याज को माना।
उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि राज्य में प्याज की कम कीमतों सहित किचन से जुड़े प्रमुख मुद्दों को लेकर प्याज उत्पादकों में असंतोष था, जिसकी वजह से लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति का प्रदर्शन खराब रहा।
महायुति को असंतोष की कीमत चुकानी पड़ी- अजित
उन्होंने कहा कि शिवसेना-भाजपा-एनसीपी गठबंधन को नासिक सहित राज्य के प्याज उत्पादक क्षेत्रों में किसानों के बीच असंतोष की कीमत चुकानी पड़ी। इन इलाकों में सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनावों में खराब प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री शिंदे ने भी माना कृषि संकट ने मिली हार
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी स्वीकार किया था कि कृषि संकट की वजह से चुनाव में महायुति गठबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सीएम शिंदे ने कहा, "चुनावों में प्याज ने हमें नासिक में रुलाया तथा सोयाबीन और कपास ने मराठवाड़ा और विदर्भ में रुलाया।"
किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि वे लगातार प्याज के लिए समर्थन मूल्य (MSP) की जरूरत के बारे में बोल रहे हैं। साथ ही कहा कि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महायुति को जलगांव और रावेर को छोड़कर प्याज उत्पादक क्षेत्र की सभी लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।