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    इस हफ्ते कच्‍चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव समेत इन वैश्विक घटनाओं से तय होगी बाजार की दिशा, Expert View

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 04 Sep 2022 06:18 PM (IST)

    विश्‍लेषकों का कहना है कि इस हफ्ते यर बाजारों का रुख वैश्विक रुझानों विदेशी कोषों की आवक और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निर्धारित होगा। इस हफ्ते की प्रमुख वैश्विक घटनाएं यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दर पर फैसला और चीन की मुद्रास्फीति दर है।

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    जानें इस हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की स्थिति...

    नई दिल्ली, एजेंसियां। महत्वपूर्ण घरेलू घटनाक्रम की गैर मौजूदगी में इस सप्ताह शेयर बाजारों का रुख वैश्विक रुझानों, विदेशी कोषों की आवक और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से तय होगा। विश्लेषकों ने कहा, इस सप्ताह की प्रमुख वैश्विक घटनाएं यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दर पर फैसला और चीन की मुद्रास्फीति दर है। पिछले सप्ताह सेंसेक्स 30.54 अंक या 0.05 प्रतिशत टूट गया था, जबकि निफ्टी 19.45 अंक या 0.11 प्रतिशत गिर गया था।

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    वैश्विक घटनाओं से प्रभावित होगी बाजार की चाल 

    स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, 'भारतीय इक्विटी बाजार, ज्यादातर वैश्विक बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद लचीलापन दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई महत्वपूर्ण घटनाक्रम नहीं है, इसलिए वैश्विक बाजारों की दिशा हमारे बाजार की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।'

    पीएमआइ के आंकड़े प्रभावित करेंगे बाजार का रुख

    मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर यूरोपीय सेंट्रल बैंक आठ सितंबर 2022 को ब्याज दर के बारे में फैसला करेगा। इसके अलावा अगस्त के लिए सर्विस सेक्टर के पीएमआइ (खरीद प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े भी बाजार को प्रभावित करेंगे। ये आंकड़े सोमवार को आएंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च अजीत मिश्रा ने कहा, 'किसी भी बड़े घटनाक्रम के अभाव में प्रतिभागियों की नजर वैश्विक बाजारों पर होगी। इसके अलावा विदेश के प्रवाह के रुख पर भी उनकी नजर रहेगी।'

    अगस्त में एफपीआइ आवक 20 महीने के उच्चतम स्तर पर रही

    समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय इक्विटी बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। पिछले 20 महीनों के दौरान यह सबसे ज्यादा है। तेल कीमतों में स्थिरता और जोखिम लेने की भावना में बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) का रुझान भारत की ओर बढ़ा।

    एफपीआई का आकर्षण बढ़ा 

    इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। एफपीआइ ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर शुद्ध बिकवाली करने के बाद जुलाई में पहली बार शुद्ध खरीदारी की थी। उन्होंने अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों से 2.46 लाख करोड़ रुपये निकाले।

    10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में तीन का बाजार पूंजीकरण घटा

    घरेलू शेयर बाजारों की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में तीन का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह 1,22,852.25 करोड़ रुपये घट गया। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक नुकसान हुआ। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के बाजार पूंजीकरण में कमी हुई है।

    बाजार पूंजीकरण में बड़ा इजाफा 

    रिलायंस का मार्केट कैप 60,176.75 कम होकर 17,11,468.58 करोड़ हो गया। वहीं टीसीएस की बाजार हैसियत 33,663.28 करोड़ कम होकर 11,45,155.01 करोड़ हो गई। पिछले सप्ताह अडाणी ट्रांसमिशन ने शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में स्थान बनाया और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 12,494.32 करोड़ रुपये बढ़कर 4,30,842.32 करोड़ रुपये हो गया।