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    इंडियन एयर फोर्स में कैसे बनें गरुण कमांडो, चयन, ट्रेनिंग, कार्य सहित पूरी डिटेल करें चेक

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 05:01 PM (IST)

    भारतीय सेना के विशेष बलों जैसे NSG मार्कोस पैरा कमांडो की तरह ही एयर फोर्स में भी गरुण कमांडो की नियुक्ति होती है। इस पद के लिए भी अभ्यर्थियों को कड़ी ट्रेनिंग प्रदान की जाट है। अगर अभी भी गरुण कमांडो बनना चाहते हैं या इनके बारे में जानकारी चाहते हैं तो इस पेज से पूरी डिटेल हासिल कर सकते हैं।

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    How To Become A Garud Commando: चेक करें डिटेल।

    करियर डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी देश की सुरक्षा के लिए उस देश की एयर फोर्स का अहम योगदान होता है। एयर फोर्स दुश्मन देशों पर कड़ी नजर रखने के साथ ही उन पर अटैक करते हैं और साथ ही उनकी ओर से भेजी गई मिसाइल, बमों को हवा में ही खत्म करने का काम भी करते हैं। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एयर फोर्स की ओर से गरुड़ कमांडो की नियुक्ति की जाती है। गरुण कमांडो भारतीय वायुसेना की स्पेशल फोर्स यूनिट होते हैं, जिन्हें देश के सबसे कठिन और खतरनाक मिशनों के लिए तैयार किया जाता है जैसे आतंकवाद विरोधी अभियान, बचाव कार्य और वायुसेना एसेट को सुरक्षित रखना।

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    क्या होता है गरुण कमांडो काम

    गरुण कमांडो द्वारा एयर फोर्स के विभिन्न बेस की सुरक्षा, रडार और सैन्य संपत्तियों को किसी भी आपात स्थिति से सुरक्षित रखना होता है। इसके अलावा ये काउंटर अटैक और बचाव अभियान, आतंकवाद विरोधी और रेस्क्यू ऑपरेशन में भी योगदान देते हैं। इसके साथ ही यह फोर्स इंटेलिजेंस और स्पेशल ऑपरेशन के जरिये खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट करने की ट्रेनिंग भी लेते हैं।

    कैसे होती है ट्रेनिंग

    गरुड़ कमांडो बनने के लिए जवानों को तीन साल तक कठिन ट्रेनिंग से होकर गुजरना होता है। इस दौरान उनकी खतरनाक इलाकों, जंगलों और पहाड़ों में सर्वाइव करने की क्षमता को परखा जाता है। जो अभ्यर्थी इस ट्रेनिंग को पूरा करने में सफलता प्राप्त करते हैं उनको ही गरुण कमांडो के पदों पर नियुक्त किया जाता है। भारतीय सेना की अन्य विशेष बलों जैसे NSG, मार्कोस, पैरा कमांडो के स्तर की ही ट्रेनिंग गरुण कमांडो की भी होती है।

    चयन प्रक्रिया

    भारतीय वायु सेना में गरुड़ कमांडो की भर्ती दो अलग-अलग तरीकों से की जाती है। इसमें एयरमैन (गैर-कमीशन) और कमीशन प्राप्त अधिकारी के पदों पर भर्ती होती है। दोनों में एक कठिन चयन आधारित प्रक्रिया शामिल है जिससे कि केवल योग्य अभ्यर्थियों को चुनाव किया जा सके।

    Airmen (Non-Commissioned Entry)

    एयरमैन की भर्ती पूरे भारत में एयरमैन चयन केंद्रों के माध्यम से की जाती है। चयन के लिए अभ्यर्थियों को परीक्षा के साथ ही शारीरिक परीक्षण मे रनिंग, पुश-अप्स और सिट-अप्स जैसे टेस्ट में पास होना होता है। इसके बाद उम्मीदवारों की मानसिक क्षमता को भी परखा जाता है कि वे कमांडो बनने के लिए तैयार हैं या नहीं। साक्षात्कार में पूछे गए प्रश्नों से उनका मूल्यांकन किया जाता है।

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