Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    24 साल पहले दोस्त और महिला के साथ मिलकर की थी हत्या, अब उम्रकैद से मांग रहा रिहाई, बोला-जेल में व्यवहार अच्छा रहा

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 05:28 PM (IST)

    चंडीगढ़ में, 24 साल पुराने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे राजबीर सिंह ने रिहाई के लिए अदालत में अर्जी दी है। उसने बजिंदर और बबली के साथ मिल ...और पढ़ें

    Hero Image

    कैदी की अर्जी पर अदालत ने पुलिस से सारा रिकाॅर्ड मांगा।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 24 साल पुराने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी ने जिला अदालत में अर्जी दायर कर जेल से रिहाई की मांग की है। दोषी की पहचान राजबीर सिंह के रूप में हुई है। राजबीर ने अपने एक साथी बजिंदर के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या की थी। वारदात में उनके साथ बबली भी शामिल थी। तीनों को अदालत ने 2005 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राजबीर ने अपने व्यवहार और लंबे समय से जेल में रहने के आधार पर रिहाई की मांग की है। उसकी अर्जी पर अदालत ने मनीमाजरा थाना पुलिस से सारा रिकाॅर्ड मांग लिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजबीर, बजिंदर और बबली के खिलाफ 21 सितंबर 2001 को मनीमाजरा थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। पुलिस को ओमप्रकाश नाम के व्यक्ति ने शिकायत दी थी। ओमप्रकाश ने बताया था कि 20 सितंबर 2001 की रात बजिंदर कुमार और राजबीर सिंह उसके मकान मालिक अजमेर सिंह के घर आए थे। रात 12 बजे के बाद बजिंदर, राजबीर और बबली ने मिलकर अजमेर की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद तीनों ने शव को बेडशीट में लपेटा और उसे मारुति कार में डालकर ठिकाने लगा दिया। साथ ही, घटना स्थल से खून के निशान भी साफ कर दिए गए थे।

    2005 में अदालत ने सुनाई थी उम्रकैद

    पुलिस ने जांच के दौरान बजिंदर, राजबीर और बबली को 22 सितंबर 2001 को गिरफ्तार कर लिया था। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 11 अगस्त 2005 को तीनों को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोविड-19 महामारी के दौरान बजिंदर को जेल प्रशासन ने विशेष पैरोल पर 23 जून 2020 से 16 नवंबर 2021 तक रिहा किया था, लेकिन पैरोल खत्म होने के बाद वह वापस जेल नहीं लौटा। 30 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया था।