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    Diwali Par Nibandh: प्रकाश के त्योहार दिवाली पर 500 शब्दों का निबंध

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 09:40 AM (IST)

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    Essay on Diwali: दिवाली पर निबंध।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाई जा रही है। यह त्योहार हमारे देश में सनातन (हिन्दू) धर्म का प्रसिद्ध त्योहार माना जाता है। इस त्योहार को देश के साथ ही विदेश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग बड़े ही धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हैं। दीपावली का त्योहार प्रकाश का त्योहार कहा जाता है।
    इस त्योहार पर स्कूलों और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी दीपावली पर 500 शब्दों का निबंध तैयार करना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए बेहद उपयोगी है।

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    दीपावली पर 500 शब्दों का निबंध


    प्रतावना
    दिवाली शब्द ‘दीपावली’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है – दीपों की पंक्ति। इस दिन पूरा देश दीपों से जगमगा उठता है। दीपावली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। दीवाली हमारे देश में सनातन धर्म के प्रमुख और सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस त्योहार को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है। यह त्योहार हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को सेलिब्रेट किया जाता है। दीवाली न केवल भारत में बल्कि विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

    दीपावली क्यों कहा जाता है प्रकाश का पर्व

    दीपावली को प्रकाश के त्योहार के रूप में मनाये जाने का कारण रामायण काल से चला आ रहा है। रामायण के अनुसार माता कैकेयी के आदेश पर राम को 14 साल का वनवास हुआ था। वनवास के दौरान भगवान राम के साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी साथ रहे थे। वनवास के दौरान माता सीता का हरण लंका नरेश रावण ने कर लिया था। भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष के वनवास के बाद जब राक्षस रावण का वध कर अयोध्या लौटे, तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया। तभी से यह त्यौहार भगवान राम की वापसी की खुशी में मनाया जाने लगा। इसलिए दिवाली को कहा जाता है प्रकाश का त्योहार

    diwali festival of lights

    (image freepik)

    दिवाली पर होती है खास सजावट

    दीवाली से पहले घरों में सफाई, रंगाई-पुताई और सजावट की जाती है। लोग अपने घरों, दुकानों और ऑफिसेज में नए सामान खरीदते हैं। इस त्योहार के अवसर पर मिठाइयां, दिए, मोमबत्तियां, झालरें और पटाखे बाजारों में खूब बिकते हैं। बच्चे विशेष रूप से इस त्यौहार का आनंद पटाखे जलाकर और रंगोलियां बनाकर लेते हैं। दीवाली की रात लोगों के घरों में दीप प्रज्ज्वलित किए जाते हैं, मां लक्ष्मी की पूजा होती है और सब एक-दूसरे को मिठाइयां बांटकर शुभकामनाएं देते हैं।

    दिवाली का त्योहार क्यों है विशेष

    दिवाली समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जैसे दीपक अंधकार को प्रकाश में बदलता है, उसी तरह हमें जीवन से अज्ञानता, बुराई और अंधकार को दूर करके सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए। हालांकि, आजकल दिवाली पर पटाखों के अधिक उपयोग से प्रदूषण बढ़ने लगा है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रदूषण-मुक्त और हरित दीवाली मनाने का संकल्प लेना चाहिए।

    diwali 2025

    (image freepik)

    निष्कर्ष

    दीवाली आनंद, उत्साह और आध्यात्मिकता का प्रतीक त्योहार है। यह त्योहार हमें यह संदेश देता है कि सत्य और धर्म की विजय हमेशा होती है और असत्य का नाश निश्चित है। दीपावली का प्रकाश हम सबके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए — यही कामना है।