देश भर के 22 नदी निगरानी केंद्रों ने गंभीर बाढ़ की स्थिति दर्ज की, पंजाब आपदा पर रिपोर्ट पीएम को सौंपेगा कृषि मंत्रालय
केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार को कहा कि बिहार उत्तर प्रदेश दिल्ली जम्मू-कश्मीर और ओडिशा सहित देश भर के 22 नदी निगरानी केंद्रों ने गंभीर बाढ़ की स्थिति की सूचना दी है जबकि 23 अन्य ने सामान्य से ऊपर जल स्तर दर्ज किया है। बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गंभीर रूप से प्रभावित स्थल हैं जहां आठ-आठ केंद्रों ने गंभीर बाढ़ की स्थिति की सूचना दी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार को कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा सहित देश भर के 22 नदी निगरानी केंद्रों ने गंभीर बाढ़ की स्थिति की सूचना दी है, जबकि 23 अन्य ने सामान्य से ऊपर जल स्तर दर्ज किया है। बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गंभीर रूप से प्रभावित स्थल हैं, जहां आठ-आठ केंद्रों ने गंभीर बाढ़ की स्थिति की सूचना दी है।
केंद्रीय जल आयोग(सीडब्ल्यूसी)की दैनिक बाढ़ स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात, दिल्ली, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और बंगाल में एक-एक स्टेशन गंभीर बाढ़ श्रेणी में हैं। असम, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बंगाल सहित 23 अन्य स्टेशनों पर जल स्तर सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया है।
सीडब्ल्यूसी ने कहा कि 46 बांधों और बैराजों के लिए जलप्रवाह पूर्वानुमान जारी किए गए हैं, जिनमें कर्नाटक में 12, तेलंगाना में छह, आंध्र प्रदेश में पांच और मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में कई बांध और बैराज शामिल हैं। अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे बांधों के संचालन को मानक प्रोटोकाल के अनुसार सख्ती से नियंत्रित करें ताकि निचले इलाकों में बाढ़ को रोका जा सके।
दिल्ली की यमुना नदी गंभीर बाढ़ की स्थिति
दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी गंभीर बाढ़ की स्थिति में बह रही है, लेकिन इसमें गिरावट का रुख है। गुजरात में, नर्मदा, तापी, दमनगंगा और साबरमती जैसी नदियों में अगले दो से तीन दिनों तक भारी प्रवाह जारी रहने की संभावना है, जिसके कारण भरूच, सूरत, वडोदरा, साबरकांठा, बनासकांठा और राजकोट जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
राजस्थान में नदियां उफान पर
राजस्थान में माही, साबरमती, चंबल और बनास जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, उदयपुर, कोटा, बूंदी और झालावाड़ में गंभीर बाढ़ की चेतावनी दी गई है। महाराष्ट्र के नासिक, धुले, नंदुरबार, पालघर, ठाणे, रायगढ़ और पुणे जैसे जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे तापी, भीमा, कोयना और वार्ना जैसी नदियों में गंभीर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में ज्यादा नदियां खतरे के स्तर से उपर बह रहीं
उत्तर प्रदेश लगातार गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है, मथुरा, बलिया, शाहजहांपुर, बाराबंकी, फर्रुखाबाद और फतेहपुर जैसे जिलों में गंगा, यमुना, रामगंगा और घाघरा नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। बिहार भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, गंगा, कोसी, गंडक और घाघरा नदियों के कारण पटना, भागलपुर, सीवान और खगडि़या में बाढ़ का स्तर गंभीर बना हुआ है।
आयोग ने जनता और राज्य के अधिकारियों से सतर्क रहने, अपनी वेबसाइट के माध्यम से वास्तविक समय में जल स्तर की निगरानी करने और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में आवश्यक सावधानियां बरतने का आग्रह किया है।
पंजाब बाढ़ पर विस्तृत रिपोर्ट पीएम मोदी को सौंपेगा कृषि मंत्रालय
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि वह पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।
चौहान ने एक्स पर लिखा कि पंजाब में संकट बड़ा है, लेकिन केंद्र सरकार इस संकट से उबरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य भर में फसलें नष्ट हो गई हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है।
उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के योजनाबद्ध पुनर्निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें राज्य को उबारने में मदद के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियों की आवश्यकता है। बाढ़ के बाद की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए शिवराज सिंह चौहान ने पानी कम होने पर संभावित बीमारियों के प्रकोप की चेतावनी दी है।
मृत पशुओं का सुरक्षित निपटान करना होगा
उन्होंने कहा कि मृत पशुओं का सुरक्षित निपटान करना होगा ताकि बीमारी न फैले। खेतों में गाद जमा हो गई है, उसे हटाने की योजना बनानी होगी ताकि अगली फसल को नुकसान न हो। मंत्री ने बाढ़ के लिए सतलुज, व्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारे बने तटबंधों के कमजोर होने और अवैध खनन गतिविधियों के कारण हुई क्षति को जिम्मेदार ठहराया है।
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