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    मुंबई के पास सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए बनाया जा रहा एक आवासीय परिसर, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 07:00 AM (IST)

    मुंबई के निकट रायगढ़ जिले में एक ऐसा आवासीय परिसर बनाने का विज्ञापन दिया जा रहा है जो सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए होगा। इस विज्ञापन पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि हम महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करके यह पूछ रहे हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में क्या मुसलमानों के लिए अलग बस्ती बसाने की अनुमति उसने प्रदान की है।

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    मुंबई के पास सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए बनाया जा रहा एक आवासीय परिस (सांकेतिक तस्वीर)

     ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। मुंबई के निकट रायगढ़ जिले में एक ऐसा आवासीय परिसर बनाने का विज्ञापन दिया जा रहा है, जो सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए होगा। इस विज्ञापन पर कुछ स्थानीय संगठनों ने आपत्ति जताई ही है, केंद्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी स्वतः संज्ञान लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

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    विज्ञापन में कही गई है यह बात

    रायगढ़ के कर्जत क्षेत्र स्थित नेरल गांव के पास प्रस्तावित इस आवासीय परिसर के दृश्य-श्रव्य विज्ञापन में एक विशेष समुदाय में पहने जानेवाले वस्त्रों में यह कहती दिखाई दे रही है कि जब सोसायटी में अपनी फैमिली के लिए सिद्धांतों से समझौता करना पड़ता हो, तो क्या वह सही है।

    ‘सुकून एम्पायर’ में समान विचारों वाले परिवार एक साथ रह सकते हैं। यहां बच्चे बिल्कुल हलाल वातावरण में पल-बढ़ सकते हैं। ये निवेश सिर्फ आपके पैसों को नहीं, बल्कि आपके परिवार के भविष्य को भी सुरक्षित रखेगा।

    इस विज्ञापन पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि हम महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करके यह पूछ रहे हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में क्या मुसलमानों के लिए अलग बस्ती बसाने की अनुमति उसने प्रदान की है।

    कानूनगो ने उठाए सवाल

    कानूनगो कहते हैं कि मामला केवल अलग टाउनशिप बनाने का नहीं है। ये विज्ञापन इस तरीके से किया जा रहा है कि मुसलमानों को असहिष्णुता का सामना करना पड़ रहा है, और मुसलमान खुद को सुरक्षित करने के लिए अलग जगहों पर जाना चाहते हैं। ये ‘नेशन विद इन द नेशन’ (राष्ट्र के अंदर एक और राष्ट्र) के सिद्धांत जैसा है। हम एक बार इसी कारण से देश के टुकड़े बर्दाश्त कर चुके हैं। ये दुबारा नहीं होने दिया जाएगा।

    कल कहोगे हमें डॉक्टर्स मुसलमान चाहिए- प्रियंक कानूनगो

    प्रियंक कानूनगो कहते हैं कि आज वह लोग अलग बस्ती की बात कर रहे हैं। कल कहोगे हमें डॉक्टर्स मुसलमान चाहिए। परसों कहोगे हमको पुलिस मुसलमान चाहिए। फिर कहोगे हमको बस ड्राइवर मुसलमान चाहिए। ऐसे कर करके एक दिन कहोगे की हमको महाराष्ट्र में एक राज्य अलग चाहिए। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत संविधान के अनुसार सेक्युलर सिद्धांतों पर चलनेवाला राष्ट्र है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

    जहां ये आवासीय परिसर प्रस्तावित है, उसके आसपास रहनेवाले लोगों का भी कहना है कि नेरल ग्राम पंचायत के आसपास एक विशेष समुदाय के आवासीय परिसर का निर्माण करके वहां हिंदुओं की आबादी कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

    नेरल ग्राम पंचायत क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक होकर रह जाएंगे

    इसके कारण नेरल में रहनेवाले हिंदुओं को अपने फ्लैट एवं घर बाजार भाव से काफी कम कीमतों पर बेचकर पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसे रोका जाना चाहिए। अन्यथा इस क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक होकर रह जाएंगे। लोगों का कहना है कि यहां जो चल रहा है, उसके कारण नेरल मिनी पाकिस्तान होने की राह पर चल पड़ा है।

    हिंदू अपने फ्लैट और घर कम कीमतों पर बेचकर पलायन करने को मजबूर

    आसपास रहने वाले लोगों का भी कहना है कि नेरल ग्राम पंचायत के आसपास एक विशेष समुदाय के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कर वहां हिंदुओं की आबादी कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस कारण नेरल में रहने वाले हिंदुओं को अपने फ्लैट एवं घर बाजार भाव से काफी कम कीमतों पर बेचकर पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसे रोका जाना चाहिए।

    अन्यथा इस क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक होकर रह जाएंगे। लोगों का कहना है कि यहां जो चल रहा है, उसके कारण नेरल मिनी पाकिस्तान होने की राह पर चल पड़ा है।

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