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    पाक से व्यापार खत्म करने की घोषणा के बाद भारत पहुंचे अफगानी वाणिज्य मंत्री, क्या चाहता है तालिबान?

    By JAIPRAKASH RANJANEdited By: Abhishek Pratap Singh
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 10:30 PM (IST)

    अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्री एजाज नुरूद्दीन अजीजी ने भारत से खनिजों में निवेश का आह्वान किया है, खासकर रेअर अर्थ मिनिरल्स में। पाकिस्तान से व्यापार बंद होने के बाद, तालिबान सरकार भारत और ईरान के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रही है। भारत ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है और आर्थिक मदद का वादा किया है। अफगानिस्तान भारत से दवाएं और खाद्य सामग्री की आपूर्ति चाहता है।

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    भारत पहुंचे अफगानिस्तान के कॉनर्स मिनिस्टर।

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अफगानिस्तान के पास दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार है और इस पर चीन व अमेरिका की भी नजर है। लेकिन तालिबान सरकार ने रेअर अर्थ मिनिरल्स जैसे खनिजों के खदानों में निवेश करने के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया है।

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    यह बात भारत के दौरे पर आये अफगानिस्तान के उद्योग व वाणिज्य मंत्री एजाज नुरूद्दीन अजीजी ने भारतीय अधिकारियों से कही है। इस बारे में दोनों देशों के बीच वार्ता की शुरुआत हो रही है। अजीजी एक उच्चस्तरीय दल के साथ बुधवार (19 नवंबर) को नई दिल्ली पहुंचे।

    एजाज नुरूद्दीन अजीजी की यात्रा का महत्व

    उनकी इस यात्रा का महत्व इसलिए बढ़ गया है कि पाकिस्तान के रवैये को देखते हुए अफगान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के साथ कारोबार को पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया है। पाकिस्तान की सरकार ने भी वहां हर तरह की चीजों की आपूर्ति बंद कर दी है। ऐसे में तालिबान ईरान व भारत जैसे देशों के साथ अपने कारोबार बढ़ाने की पेशकश कर रहा है।

    अजीजी की यात्रा को भारत और अफगानिस्तान के बीच बेहतर होते ताल्लुकात को दर्शाता है। पिछले महीने ही तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत के दौरे पर आये थे। उसके बाद भारत ने अफगानिस्ता में बंद पड़े अपने दूतावास को पूरी तरह से खोलने का ऐलान कर चुका है। साथ ही भारत ने अफगानिस्तान को कई तरह की आर्थिक व समाजिक विकास की परियोजनाओं के लिए मदद देने की घोषणा भी की है।

    अफगानिस्तान का क्या चाहता है?

    अफगानिस्तान चाहता है कि भारत उसे तत्काल तौर पर दवाओं, कपड़ों, मशीनरी के अलावा चीनी, चाय, चावल जैसे खाद्यान्नों की आपूर्ति बढ़ाए। भारत इसके तैयार है और इस बारे में आवश्यक कदम उठाए गए हैं। अभी तक भारत कुछ उत्पादों को पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान भेजता रहा है लेकिन पाक-अफगान सीमा के बंद होने के बाद अब यह काम सिर्फ ईरान के जरिए किया जा सकता है। पूर्व में भारत ने ईरान स्थित चाबहार पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान को आवश्यक मदद भेजता रहा है।

    पाकिस्तान से व्यापार खत्म करने की घोषणा

    अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के आर्थिक मामलों के उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने पिछले हफ्ते ही व्यापारियों और उद्योगपतियों की बैठक में पाकिस्तान के साथ व्यापार को धीरे-धीरे समाप्त करने और वैकल्पिक रास्ते तलाशने की घोषणा की है।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीमा बंद करने से अफगानिस्तान को हर महीने लगभग 200 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है।

    बहरहाल, तालिबान सरकार ने ईरान के साथ भी बैठकों की शुरुआत की है ताकि उसके जरिए भारत से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुलभ हो। इस क्रम में तालिबान की तरफ से भारत को यह संकेत दिया गया है कि अफगानिस्तान में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों की सुरक्षा की पूरी गारंटी दी जाएगी।

    भारत भी अफगानिस्तान के खनिज भंडार में रूचि रखता है। अफगानिस्तान के पास लौह-अयस्क व रेअर अर्थ मिनिरल्स (आरईएम) का बड़ा भंडार है। आरईएम की खपत आटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर जैसे उद्योगों में बढ़ रहा है। ऐसे माहौल में अफगानिस्तान के साथ संबंध सुधारने भारत के रणनीतिक हित में है।

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