Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ा AFSPA, गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 04:03 PM (IST)

    गृह मंत्रालय ने मणिपुर अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में AFSPA को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। मणिपुर के 5 जिलों के 13 थाना क्षेत्रों को छोड़कर बाकी हिस्सों में यह लागू रहेगा। अरुणाचल प्रदेश के तिरप चांगलांग लोंगडिंग और तीन थाना क्षेत्रों में इसे फिर लागू किया गया है। नगालैंड के आठ जिलों में AFSPA बढ़ाया गया है। यह कानून सुरक्षा बलों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है।

    Hero Image
    मणिपुर, अरुणाचल और नगालैंड में AFSPA छह महीने के लिए बढ़ाया गया। (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में 6 महीने के लिए सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू कर दिया है। इसमें मणिपुर के 5 जिलों के 13 थाना क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और राज्य के तीन पुलिस थाना क्षेत्रों में भी AFSPA लागू कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नगालैंड के जिन जिलों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है, वे दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन हैं।

    क्या होता है AFSPA?

    AFSPA को अशांत इलाकों में लागू किया जाता है। इस कानून के तहत सुरक्षाबलों को एक महत्वपूर्ण ताकत मिलती है। इसके तहत सुरक्षाबलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत होती है। साथ ही इसके कानून के चलते कई मामलों में बल प्रयोग का भी प्रावधान है। AFSPA को सिर्फ अशांत क्षेत्रों में ही लागू किया जाता है।

    AFPSA के तहत सुरक्षा बलों को क्या मिले हैं विशेष अधिकार?

    आफ्सपा (AFSPA) कानून सुरक्षा बलों को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने, बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने और अन्य कार्रवाई करने का अधिकार देता है। इसके साथ ही AFSPA गोली चलाने की भी अनुमति देता है।

    इसके अलावा सुरक्षाबलों को ये भी अधिकार है कि अगर कोई भी उग्रवादी या उपद्रवी घर में छिपा होता है तो उसे तबाह भी किया जा सकता है। इस कानून के तहत कार्रवाई तभी संभव है, जब केंद्र सरकार द्वारा इसे किसी अशांत क्षेत्र में लागू किया हो।

    यह भी पढ़ें: 'यह पुलिस शक्तियों का दुरुपयोग', असम में पत्रकार की गिरफ्तारी पर गौरव गोगोई ने PM को लिखा पत्र