भविष्य की तकनीक से जुड़ेगी देश की नई पीढ़ी, तीसरी कक्षा से AI के बारे में पढ़ेंगे बच्चे
नई शिक्षा नीति के तहत, शिक्षा मंत्रालय ने 2026-27 से तीसरी कक्षा से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (CT) को पढ़ाने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को भविष्य की तकनीक के लिए तैयार करना है। एनसीईआरटी के साथ मिलकर पाठ्यक्रम दिसंबर तक तैयार किया जाएगा, और शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि बच्चों में AI के माध्यम से सोचने की क्षमता विकसित हो सके।

अब बच्चे भी करेंगे एआई की स्टडी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की नई पीढ़ी को अब स्कूलों में प्रारंभिक स्तर से ही भविष्य की तकनीक से जोड़ा जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2026- 27 से देश भर के सभी स्कूलों में तीसरी कक्षा से ही आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस और कंप्यूटेशनल थिंकिंग (एआई एंड सीटी) को पढ़ाने का फैसला लिया है।
साथ ही इसे लेकर दिसंबर तक अध्ययन सामग्री तैयार करने का दावा भी दिया है। अभी केंद्रीय व नवोदय विद्यालयों में आठवीं कक्षा से एआई को एक अतिरिक्त विषय के रूप में सप्ताह में एक या दो दिन पढ़ाया जा रहा है।
स्कूली शिक्षा सचिव ने सभी राज्यों से किया विचार विमर्श
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार ने बुधवार को इसे लेकर एनसीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन के प्रमुखों सहित सभी राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के साथ विचार विमर्श किया। जिसमें नई पीढ़ी को भविष्य की जरूरत के लिहाज से तैयार करने के लिए उनमें एआई एंड सीटी के बीज बुनियादी स्तर से ही रोपने पर जोर दिया गया। इस दौरान दिसंबर तक नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के अनुरूप एक पाठ्यक्रम करने की भी फैसला लिया गया है।
विशेषज्ञ समिति की गई गठित
सीबीएसई ने इस बीच आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति भी गठित की है। शिक्षा मंत्रालय ने इस दौरान इसके पाठ्यक्रम के तैयार होते ही देश भर में शिक्षकों के प्रशिक्षण को भी शुरू करने पर जोर दिया है। साथ ही कहा है कि इसके लिए कम समय में एनआईओएस के जरिए तेजी से कराया जाए। इस पहल के पीछे मंत्रालय का मुख्य मकसद बच्चों में एआई के जरिए सोच के स्तर पर बढ़ाना है। एनईपी में बच्चों के सोच व चिंतन के स्तर को बढ़ाने के लिए एआई के साथ खेल आधारित शिक्षा देना भी शामिल है।

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