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    'अमेरिका से नहीं लेनी चाहिए भारत को प्रेरणा', थिएटर कमांड को लेकर वायुसेना प्रमुख ने किया आगाह; दिया ये प्रस्ताव

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 10:31 AM (IST)

    एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने थिएटर कमांड की शुरुआत में जल्दबाजी न करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत को दूसरों की नकल करने के बजाय अपना मॉडल अपनाना चाहिए। उन्होंने भविष्य के युद्धों की तैयारी के लिए चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अधीन दिल्ली में एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र स्थापित करने का सुझाव भी दिया।

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    एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने दी ये सलाह।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने मंगलवार को थिएटर कमांड की शुरुआत में जल्दबाजी न करने की चेतावनी देते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत को दूसरों की नकल करने के बजाय अपना मॉडल अपनाना चाहिए।

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    इसके साथ ही उन्होंने भविष्य के युद्धों की तैयारी के लिए चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अधीन दिल्ली में एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया।

    'यह बहुत अच्छा विचार नहीं है'

    आर्मी वॉर कॉलेज में बोलते हुए, वायुसेना प्रमुख ने नए थिएटर कमांड बनाने में जल्दबाजी करने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि इस समय सब कुछ अस्त-व्यस्त करके एक नया ढांचा बनाना बहुत अच्छा विचार नहीं है। इसके बजाय, उन्होंने दिल्ली में एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अधीन रखा जाए और जो संयुक्त रूप से निर्देश जारी करे।

    उन्होंने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि दिल्ली में एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र होना जरूरी है।"

    प्रस्तावित थिएटर कमांड पर पूछे गए सवालों के जवाब में, सिंह ने कहा, "हां, हम पहले इसी से शुरुआत कर सकते हैं, इसे लागू कर सकते हैं और देख सकते हैं कि यह कैसे आगे बढ़ता है। अगर हमें किसी और ढांचे की जरूरत है तो हम इस पर विचार कर सकते हैं। लेकिन इस समय सब कुछ अस्त-व्यस्त करके एक ढांचा बनाना, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत अच्छा विचार है।"

    एपी सिंह ने दिया ये सुझाव

    एयर चीफ मार्शल की यह टिप्पणी ऑपरेशन सिंदूर के साढ़े तीन महीने बाद आई है, जिसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच मज़बूत समन्वय का प्रदर्शन हुआ था। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास ने वायु शक्ति की प्रधानता और समन्वय के महत्व, दोनों को पुष्ट किया। उन्होंने आगे कहा, "केंद्रीय रूप से नियोजित निर्णयों को अभी भी एक विकेंद्रीकृत ढांचे में क्रियान्वित किया जा सकता है, जो उनके विचार से सर्वोत्तम परिणाम देगा।"

    'अमेरिका से नहीं होना चाहिए प्रेरित'

    उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मॉडलों का आंख मूंदकर अनुसरण करने के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि भारत को थिएटर कमांड स्थापित करने में अमेरिका जैसे किसी अन्य देश से प्रेरणा नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को अपनी जरूरतों के हिसाब से एक ढांचा तैयार करना चाहिए।

    उन्होंने कहा, "हर किसी की अपनी जरूरतें होती हैं। हमें सोचना होगा कि हमें वहां क्या चाहिए और उसके बाद ही हमें आगे बढ़ना चाहिए। वरना हम गलत रास्ते पर चल पड़ेंगे।"

    उन्होंने आगे कहा, "हमें किसी भी दबाव में आकर यह नहीं कहना चाहिए कि हमें इसे अभी लागू करना है। किसी भी तरह, हमें इसे करना ही होगा। इसे इस तरह नहीं किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि हम अपनी बात पर अड़े रह सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं।"

    वायुसेना प्रमुख ने भविष्य के युद्धों की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "आप कहीं भी एक थिएटर कमांडर को बैठाकर नहीं रख सकते... अब वे किससे बात करेंगे, उन्हें निर्देश कहां से मिलेंगे। फोन उपलब्ध हैं, लेकिन आमतौर पर यह उस तरह से काम नहीं करता।"

    सिंह ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि शीर्ष स्तर पर संयुक्त योजना और समन्वय की आवश्यकता है। अगर वहां से निर्देश मिलेंगे, तो चीजें ठीक हो जाएंगी। हमें निचले स्तर पर किसी और ढांचे की जरूरत नहीं है।"

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) 

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