Air India Plane Crash Report: अहमदाबाद विमान हादसे पर आई AAIB की रिपोर्ट पर क्यों उठ रहे सवाल? एक्सपर्ट्स ने बताई क्या हैं खामियां
एअर इंडिया की उड़ान संख्या ए-171ए हादसे पर सरकारी एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट एविएशन ब्यूरो (एएआइबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। एएआइबी की साइट पर रात्रि 1.30 पर रिपोर्ट डाली गई उसपर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विमान चालकों के संगठन एएलपीए ने रिपोर्ट को पायलटों के प्रति दुराग्रह से प्रेरित करार दिया है।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। एअर इंडिया की उड़ान संख्या ए-171ए हादसे पर सरकारी एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट एविएशन ब्यूरो (एएआइबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को एक के बाद एक कई विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है।
इन्होंने ना सिर्फ रिपोर्ट को अधूरा बताया है बल्कि एजेंसी पर तथ्यों पर चुप्पी का आरोप भी लगाया है। विमान चालकों के संगठन एएलपीए ने रिपोर्ट को पायलटों के प्रति दुराग्रह से प्रेरित करार दिया है और उक्त विमान हादसे की दूसरी एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है। वैसे भी जिस तरह रिपोर्ट को लेकर असमंजस का माहौल रहा।
AAIB की रिपोर्ट पर खड़े हुए कई सवाल
देर रात तक इसे जारी करने या न करने को लेकर दुविधा रही और आखिरकार एएआइबी की साइट पर रात्रि 1.30 पर रिपोर्ट डाली गई उसपर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके अलावा जिस तरह से उक्त रिपोर्ट के तथ्य भारत में सार्वजनिक करने से पहले विदेशी मीडिया को दी गई है वह भी एएआइबी के रवैये पर सवाल उठा रहा है।
एएलपीए ने भी उठाए कई सवाल
एयरलाइंस पायलट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए) के प्रेसिडेंट कैप्टन सैम थॉमस ने कहा है कि यह आश्चर्यजनक है कि रात के 1.30 बजे एएआइबी ने रिपोर्ट को जारी किया और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इस पर किसी का भी हस्ताक्षर नहीं है। यानी रिपोर्ट के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। इतने गंभीर विषय पर यह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना रवैया है। हम पहले से ही कहते रहे हैं कि जांच में पूरी पारदर्शिता बरती जानी चाहिए।
रिपोर्ट ने जवाब की जगह पैदा किए कई सवाल
विशेषज्ञों, चालकों और इंजीनियरों की मदद से जांच की जानी चाहिए। लेकिन रिपोर्ट में जो बातें रखी गई हैं वह मामले को और उलझा रही हैं।'' इस संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जानकारी को लीक किये जाने और पूरा दोष दुर्घटनाग्रस्त विमान के चालकों पर डालने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है। देश के प्रमुख एविएशन विशेषज्ञ संजय लाजर ने कहा है कि इस रिपोर्ट ने सवालों के जवाब देने की जगह और सवाल ही पैदा कर दिया है।
उन्होंने पायलटों के बीच हुई पूरी बातचीत जारी नहीं किये जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि विमान 35 सेकेंड तक हवा में थी और उड़ान भरते ही खामी की पता चल गया था। यानी काफी बात हुई होगी लेकिन सिर्फ दो लाइन संवाद ही बाहर आया है। गौरतलब है कि इसी संवाद में एक पालयट ने दूसरे से पूछा है कि उसने फ्यूल स्विच क्यों आफ किया । लाजर ने इसे अफसोसजनक करार दिया है क्योंकि इससे हादसे के कारणों पर ज्यादा प्रकाश पड़ता।
एएआईबी की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
एएआइबी ने अपनी रिपोर्ट में जिस तरह से यह कहा है कि वह बोइंग या जीई को किसी तरह की अनुशंसा नहीं कर रही है, इस पर कड़ा एतराज जताया है और पूछा है कि जब तक विस्तृत जांच ना की जाए, तो ब्यूरो ऐसा कैसा कह सकती है? एक अन्य एविएशन विशेषज्ञ अमित सिंह एएआइबी की रिपोर्ट के कई बिंदुओं पर तकनीकी तौर पर सवाल उठाया है। जैसे रिपोर्ट कहा गया है कि दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति कटऑफ कर दिया गया था।
बाद में एक इंजन की क्षमता खत्म होने लगी। अमित सिंह ने कहा है कि रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है कि किस ईंधन की क्षमता कम होने लगी है। उन्होंने रैम एयर टर्बाइन (रैट) को लेकर जो बातें रिपोर्ट में कही गई हैं, उसे भी संदेहास्पद माना है। रैट आपातकालीन परिस्थिति में फेल हो रहे इंजनों को अतिरिक्त शक्ति देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
सिंह का कहना है कि, “सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि जैसे ही विमान थोड़ा सा उपर गया है तभी उसमें रैट को चालू कर दिया गया है। जबकि ईंजन के पूरी तरह से फेल होने के बाद पांच सेकेंड लगता है रैट को चालू होने में। इसका साफ मतलब है कि ईंधन पहले ही फेल हो गया था। ऐसे में रिपोर्ट में जो डाटा का आकलन किया गया है, उस पर संदेह पैदा होता है।''
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