'डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट', जागरण के साहित्य सृजन कार्यक्रम में घुसपैठियों पर बोले अमित शाह; 10 बड़ी बातें
दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक नरेन्द्र मोहन जी की जयंती पर जागरण साहित्य सृजन सम्मान समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने 'हिंदी हैं हम' अभियान का समर्थन किया। उन्होंने घुसपैठियों के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा और जनसंख्या परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने शरणार्थियों को नागरिकता दी है और भाजपा घुसपैठियों को 'डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट' करने के लिए प्रतिबद्ध है।

दैनिक जागरण के कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक और लेखक नरेन्द्र मोहन जी की जयंती के अवसर पर 10 अक्टूबर, 2025 को उनकी स्मृति में जागरण साहित्य सृजन सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में जागरण के हिंदी हैं हम अभियान का पुरजोर समर्थन करने के पहुंचे हैं।
उन्होंने घुसपैठियों के मुद्दे पर भी अपना पक्ष रखा और कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों ने घुसपैठ में वोट बैंक देखना शुरू कर दिया है और इसीलिए उन्होंने घुसपैठियों को आश्रय दिया। गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात में भी सीमा लगती है और राजस्थान में भी लगती है लेकिन वहां पर घुसपैठ नहीं होती।
अमित शाह की 10 बड़ी बातें
- आजादी के बाद हुई जनगणनाओं में 1951 में हिंदू 84%, मुस्लिम 9.8%, 1971 में हिंदू 82%, मुस्लिम 11%, 1991 में हिंदू 81%, मुस्लिम 12.21% और 2011 में हिंदू 79%, मुस्लिम 14.2% थे। भारत में मुस्लिम आबादी 24.6% हो गई। यह वृद्धि घुसपैठ के कारण हुई।
- असम में 2011 की जनगणना में मुस्लिमों की आबादी की दशकीय वृद्धि दर 29.6% थी। यह घुसपैठ के बिना संभव नहीं है। पश्चिम बंगाल के कई जिलों में यह वृद्धि दर 40% है, और कई सीमावर्ती क्षेत्रों में 70% तक पहुंच गई है। यह स्पष्ट प्रमाण है कि अतीत में घुसपैठ हुई है।
- घुसपैठिये कौन हैं? जिन पर धार्मिक प्रताड़ना नहीं हुई और आर्थिक कारणों या अन्य कारणों से अवैध तरीके से भारत आना चाहते हैं, वे घुसपैठिये हैं। दुनिया में जो कोई भी यहां आना चाहे, अगर उसे आना दे दिया गया तो हमारा देश धर्मशाला बन जाएगा।
- 1951 से लेकर 2014 तक जो गलतियां हुई थीं, उनका एक प्रकार से तर्पण करने का काम मोदी जी ने किया था। नेहरू जी का वादा था शरणार्थियों को नागरिकता देने का, जिससे वे मुकर गए थे।
- आजादी के बाद भारत के नेताओं ने पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों से वादा किया था कि अभी दंगे हो रहे हैं, इसलिए अभी मत आओ; बाद में हम आपको नागरिकता देंगे। यह नेहरू-लियाकत पैक्ट का हिस्सा था। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने उन्हें नागरिकता नहीं दी, उन्हें शरणार्थी बना दिया। जब मोदी जी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी, तब हमने उन्हें नागरिकता दी।
- झारखंड में जनजातीय समुदाय की संख्या में बहुत बड़ी गिरावट आई है। इसका कारण क्या है? बांग्लादेश से आई घुसपैठ। इस देश का विभाजन धर्म के नाम पर करना बहुत बड़ी गलती थी; आपने भारत माता की भुजाओं को काटकर अंग्रेजों के षड्यंत्र को सफल बना दिया।
- मैं देश के सभी नागरिकों से पूछना चाहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री कौन होंगे, मुख्यमंत्री कौन होंगे, इसका फैसला देश के नागरिकों के अलावा किसी और को करने का अधिकार होना चाहिए क्या?
- भाजपा ने डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट के सूत्र को 1950 के दशक से स्वीकार किया है। हम घुसपैठियों को डिटेक्ट भी करेंगे, मतदाता सूची से डिलीट भी करेंगे, और इस देश से डिपोर्ट भी करेंगे।
- इस मिशन से विवाद भी उठेंगे, लेकिन विवाद से बचने और देश को बचाने, लोकतंत्र को बचाने, देश की संस्कृति को बचाने, अगर इनमें से किसी एक को चुनना पड़े, तो भाजपा हमेशा देश को चुनेगी, भले ही विवाद क्यों न झेलने पड़े।
- इस 15 अगस्त को मोदी जी ने लाल किले से हाई-पावर्ड डेमोग्राफिक मिशन बनाने की घोषणा की है। यह मिशन अवैध प्रवासन, धार्मिक और सामाजिक जीवन पर उसके प्रभाव, जनसंख्या में बदलाव के कारण उत्पन्न असामान्य बसावट के पैटर्न, और सीमा प्रबंधन पर उसके असर का भी अध्ययन करेगा।
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