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    'चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोके तो भी भारत का फायदा होगा', PAK नैरेटिव को हिमंत सरमा ने किया तार-तार, बोले- खौफ में पाकिस्तान

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 06:52 PM (IST)

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान के ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर बनाए जा रहे नैरेटिव को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र का केवल 30-35% पानी चीन से आता है बाकी भारत में मानसून और सहायक नदियों से मिलता है। सरमा ने कहा कि अगर चीन पानी रोकता भी है तो भारत में बाढ़ कम हो सकती है।

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    हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी का सिर्फ 30 से 35 फीसद पानी चीन से आता है।

    आईएएनएस, नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान की ओर से पानी को लेकर एक नए नैरेटिव को गढ़ने की कोशिश पर पानी फेर दिया। दरअसल सिंधु जल संधि स्थगित होने के बाद पाकिस्तान काल्पनिक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रहा है कि अगर चीन ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक दे तो क्या होगा।

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    हिमंत ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "आइये इस मिथक को तोड़ें, खौफ से नहीं, बल्कि तथ्यों और राष्ट्रीय स्पष्टता के साथ।"

    असम के सीएम ने बताया कि ब्रह्मपुत्र एक ऐसी नदी है जो भारत में बढ़ती है, न कि वह जो ऊपरी धारा पर नियंत्रण के कारण सिकुड़ती है।

    'सिर्फ 30 से 35 फीसद पानी चीन से आता है'

    हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी का सिर्फ 30 से 35 फीसद पानी चीन से आता है। ये तिब्बत के पठार में बर्फ के पिघलने और हल्की बारिश से होता है। बाकी 65 से 70 फीसद पानी भारत में मॉनसून की बारिश और नॉर्थ-ईस्ट की कई सहायक नदियों से मिलता है।

    हाइड्रोलॉजिकल डेटा का हवाला देते हुए सरमा ने बताया कि भारत-चीन सीमा (ट्यूटिंग) पर नदी का बहाव 2,000 से 3,000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड है, लेकिन मॉनसून में असम में यह 15,000 से 20,000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड हो जाता है। इससे पता चलता है कि इस नदी में भारत का क्या योगदान है।

    उन्होंने कहा, "ब्रह्मपुत्र ऐसी नदी नहीं है जो भारत को ऊपरी हिस्से पर निर्भर करती हो। यह बारिश से पोषित भारतीय नदी का पूरा तंत्र है, जो भारत में दाखिल होने के बाद और मजबूत होता है।"

    चीन अगर ब्रह्मपुत्र का पानी रोकता है तो भारत को ही फायदा

    सरमा ने आगे कहा कि अगर चीन पानी का बहाव कम भी करता है, तो यह भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे असम में हर साल होने वाली बाढ़, जो लाखों लोगों को बेघर करती है, कम हो सकती है।

    उन्होंने कहा कि चीन ने कभी आधिकारिक तौर पर ब्रह्मपुत्र को हथियार बनाने की धमकी नहीं दी और ऐसी बातों को उन्होंने बेबुनियाद डर फैलाने वाला अफवाह करार दिया।

    पाकिस्तान पर तंज कसते हुए सरमा ने कहा कि सिंधु जल संधि से फायदा उठाने वाला पाकिस्तान अब "खौफ में" है, क्योंकि भारत अपने पानी के हक को फिर से हासिल कर रहा है।

    उन्होंने आखिर में कहा, "ब्रह्मपुत्र किसी एक स्रोत पर निर्भर नहीं। यह हमारी भूगोल, मॉनसून और सभ्यता की ताकत से चलता है।"

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